जयपुर। महामारी कोरोना वायरस ने कई लोगों का रोजगार छीन लिया। जो लोग दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे उनके लिए यह बहुत ही मुश्किल और संकट की घड़ी है। काम नहीं मिलने के कारण अब यह लोग एक-एक पैसे के लिए मोहताज है। इन लोगों के पास अब खाने के लिए दो वक्त की रोटी भी नहीं है। इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको खाने के साथ साथ दवाई की भी जरूरत है। लॉकडाउन के कारण यह लोग अपने घरों में कैद हो गए और ये लोग मदद की आस लगाए बैठे है। कहते हैं ना मुश्किल की घड़ी में जो मददगार होता है वह किसी मसीहा से कम नहीं होता। एक ऐसा ही नजारा प्रदेश के श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ में देखने को मिला।

 

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से प्रेरणा लेकर भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष मोहित छाबड़ा ने एक नेक काम की शुरुआत की है। पूर्व सीएम राजे से प्रेरणा लेकर उन्होंने वसुंधरा रसाई के नाम से लोगों तक भोजन पहुंचाने का काम शुरू किया है। मोहित छाबड़ा ने अपने स्तर पर बस्तियों और मौहल्लों में जाकर उन घरों को चिन्हिंत किया है, जिनको इस समय मदद की सख्त जरूरत है। इन लोगों के लिए वे आगे आए और खाने पीने की जिम्मेदार उठाई।

रोजाना 200 परिवारों को दे रहे हैं राशन सामग्री
मोहित छाबड़ा ने बताया कि वह रोजाना सुबह और शााम को करीब 200 परिवारों को राशन सामग्री वितरण कर रहे हैं। आटा, चावल, दाल, नमक, चाय पत्ती, तेल, मिर्च, मसाले, साबुन,मास्क सेनेटाइजर की एक किट बनाकर बांट रहे है। इस प्रकार यह 10 दिन की साम्रगी जरूरतमंदों को दे रहे है। यह वह लोग है जो देहाड़ी मजदूरी करके 200 से 400 रुपए लाते और अपना गुजारा करते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण अभी सब काम धंधा ठप है तो इनको खाने के लिए कुछ भी नहीं मिल रहा। अतः यह रसोई ऐसे दिहाड़ी मजदूरों के लिए किसी से सौगात से कम नहीं है।

 

मांग के अनुसार भेज रहे हैं टिफिन
समाजसेवी अनूप ने बताया कि राशन सामग्री के अलावा वे रोजाना सुबह और शाम को टिफिन के माध्यम से भी लोगों तक खाना पहुंचा रहे है। उन्होंने बताया कि कुछ लोग ऐसे है जो राशन सामग्री के अभाव में प्रतिदिन अपना खाना बना नहीं पाते है। उन लोगों के लिए उन्होंने मांग के अनुसार खाना बनाकर टिफिन के माध्यम से उन लोगों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। वे इन टिफिन के माध्यम से पो स्टिक और ताजा खाना भेज रहे है, साथ ही जरूरतमंदों तक उचित दवाइयां भी वितरित कर रहे हैं।

अशोक गहलोत से की थी अन्नपूर्णा रसोई मांग, फिर अपने निजी खर्चे से की रसोई की शुरुआत
मोहित छाबड़ा ने बताया कि अन्नपूर्णा रसोई की मांग करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मामले से अवगत कराया था। उन्होंने इसको पुन: शुरू करने की मांग की थी, लेकिन वहां से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने तय कि वह अपने निजी खर्च से अपने फंड से वसुंधरा राजे की अन्नपूर्णा रसाई को एक बार फिर चालू करेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए इसकी बहुत जरूरत है तथा संकट की इस घड़ी में गरीबों की थाली तक निवाला पहुंचाना उनके लिए सौभाग्य की बात है।