जयपुर। प्रदेश में लोकसभा व विधानसभा चुनावों के बाद अब स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक आ रहे हैं। मेयर, सभापति व वार्ड पार्षदों के लिए एक बार फिर जनता को वोट देकर अपना जनप्रतिनिधि चुनना होगा। लेकिन इस बार की स्थिति पिछले चुनाव से काफी अलग है। दरअसल इस बार मेयर, सभापति और चेयरमैन के लिए सीधे चुनाव कराए जाएंगे। चुनावों का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे ही नेताओं में भी टिकट पाने की लॉबिंग शुरु हो गई है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में टिकट से वंचित रहे नेताओं ने अब मेयर पद के टिकट की दावेदारी के लिए ताल ठोक रखी है। स्थानीय निकाय चुनाव संभवतः नवंबर माह में होंगे।

कांग्रेस के इन नेताओं में टिकट पाने की मची होड़

कांग्रेस के अधिकतर नेताओं ने मेयर पद के लिए बड़े नेताओं व मंत्रियों से मिलना शुरु कर दिया है और उन्हें अपनी जीतने की प्रबल संभावना बताते हुए टिकट की जुगाड़ कर रहे हैं। कांग्रेस से मेयर पद के लिए पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल और मौजूदा मेयर विष्णु लाटा प्रमुख रूप से दावेदारी कर रहे हैं। साथ ही कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा, गिरिराज गर्ग, महेश शर्मा, राजीव अरोड़ा, सुशील शर्मा और मंजू शर्मा भी टिकट पाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही है। गौरतलब है कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय मेयर के लिए सीधे चुनाव हुए थे जिसमें ज्योति खण्डेलवाल ने जीत हासिल की थी। लेकिन हाल में जयपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ी ज्योति खण्डेलवाल को करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में उन्हें मेयर पद के लिए टिकट मिलना काफी मुश्किल है।

टिकट मिल चुके नेताओं को नहीं मिले दोबारा टिकट – कांग्रेस नेता

टिकट के लिए जोर-आजमाइश कर रहे अधिकतर नेताओं की मांग है कि जिन नेताओं को लोकसभा-विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिली थी उन्हें मेयर पद के लिए मौका देना चाहिए। साथ ही जिन नेताओं ने चुनाव लड़ा और हार गए उन्हें दोबारा टिकट नहीं दी जानी चाहिए। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव गिरिाज गर्ग ने भी बार बार टिकट मांग रहे नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए साफ कहा है कि जिन नेताओं को पहले जनता नकार चुकी है, उन्हें अब टिकट नहीं मांगना चाहिए।