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देशभर में एक ओर जहां शराबबंदी के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लगता है कि कांग्रेस सरकार अपने सारे खर्चे शराब और अन्य मादक पेय से निकालने का प्रयास कर रही है। हुआ दरअसल यह है कि राज्य आबकारी विभाग ने शराब बिक्री के लिए नई नीतियों की घोषणा की है। राजस्थान सरकार की आबकारी एवं मद्य-संयम नीति 2019-20 में शराब बिक्री को बढ़ावा देने पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। साथ ही कम बिक्री होने पर ठेकेदारों पर जुर्माना लगाए जाने की बात कही गई है। नए प्रावधान के मुताबिक ठेकेदारों को हर हाल में पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी से ज्यादा शराब बेचनी होगी। अगर कोई ठेकेदार ज्यादा शराब नहीं बेच पाता है तो उस पर हर तीन महीने में जुर्माना लगेगा। जुर्माने की राशि को दो गुना तक बढ़ाया गया है।

नई नीति के मुताबिक हर तीन महीने में अंग्रेजी शराब दुकान की बिक्री की गणना होगी। बिक्री अगर पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा नहीं हुई तो अंग्रेजी शराब पर 30 रुपए प्रति बल्क लीटर और बीयर पर 20 रुपए प्रति बल्क लीटर जुर्माना निर्धारित किया गया है।

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भांग की दुकानों के खुलने और बंद होने को लेकर भी नई नीति में प्रावधान किया गया है। अब नई नीति में भांग ठेके सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुल सकेंगे। इससे पहले भांग की दुकानों के खुलने और बंद होने का कोई समय तय नहीं था। शराब दुकानों के खुलने और बंद होने का समय पहले की तरह ही सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक तय है।

आबकारी विभाग की अधिक शराब पिलाने की नई नीति को देखते हुए कहा तो यही जा सकता है कि आने वाले समय में कांग्रेस सरकार इस तरह की कई और अपराध प्रेरित योजनाओं को प्रसारित-प्रचारित कर सकता है।