कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए कमर कस ली है। सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को आरयू छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन के दौरान इसकी घोषणा कर दी है। आगामी 1 मार्च से पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों को 3000 रुपये और महिला एवं विशेष योग्यजन बेरोजगारों को 3500 रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। अभी प्रदेशभर के 70हजार युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का लाभ मिल रहा है। जिसमें युवकों 650रुपये प्रतिमाह और महिला व विशेष योग्यजनों को 750रुपये प्रतिमाह भत्ता दिया जा रहा है। इसमें केवल वे ही स्नातक युवा शामिल है जिनके परिवार की वार्षिक आय 2लाख रुपये तक है।

कांग्रेस सरकार ने 1फरवरी से इसे लागू कर दिया है 1मार्च से बेरोजगारों को भत्ता राशि मिलना शुरू हो जाएगी। राजस्थान में कुल 11लाख पंजीकृत शिक्षित बेरोजगार है। बिना पंजीकरण वाले शिक्षित बेरोजगारों का आंकड़ा 50लाख से ज्यादा है। अब इनमें से सिर्फ 1 लाख पंजीकृत बेरोजगारों को 3000 हजार रुपये भत्ते का लाभ सरकार की ओर से दिया जाएगा। शेष बचे पंजीकृत और बिना पंजीकरण वाले करीब 49लाख युवा बेरोजगारों को सिर्फ इंतजार ही करना होगा।

राजनीति के जानकारों का मानना है कि किसान और युवाओं को साधकर विधानसभा चुनाव में सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस सरकार ने लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए बेरोजगारी भत्ते को समय रहते लागू कर दिया है। क्योंकि, जिन युवाओं के बल पर कांग्रेस सत्ता में आई है। उन्हें वे अब आगामी लोकसभा चुनाव में निराश नहीं करना चाहती है। ऐसे में ये वादा कितना दूरगामी साबित होगा ये आने वाला वक्त ही बताएगा।