ब्यूरोक्रेसी में बड़े बदलाव और योजनाओं का नाम बदलने के बाद गहलोत सरकार अब अन्नपूर्णा भण्डार की दुकानें बंद करने की तैयारी में जुटी है। खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने पूर्व भाजपा सरकार की अन्नपूर्णा भंडार की 5000 दुकानें बंद करने का संकेत दिए हैं। विधानसभा में विधायक नारायण देवल के मूल सवाल का जवाब देते हुए मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि दुकानों का पुराना टेंडर समाप्त हो गया है और नई दुकानों के लिए कोई नहीं आ रहा है।
दरअसल, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान खाद्य विभाग के 3 अहम सवालों के जरिये प्रतिपक्ष ने खाद्य मंत्री रमेश मीणा को घेरने की कोशिश की। विधायक नारायण देवल के मूल सवाल और उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के रूरल मॉल अन्नपूर्णा भंडारों के आवंटन संबंधी सवाल पर मीणा ने सदन को जानकारी दी कि 20 अगस्त तक दुकानों की अवधि समाप्त हो गई है और नए टेंडर में किसी निविदाकर्ता ने भाग नहीं लिया। साथ ही उन्होंने बताया कि इन दुकानों का 3 वर्ष के लिए अुनबंध हुआ था। लेकिन यहां बाजार से ज्यादा कीमत पर माल मिल रहा है। ऐसे में इन दुकानों से जब कोई सामान लेने ही नहीं जाता तो उसे कैसे चालू करेंगे। निविदा आमंत्रित करने के राजेन्द्र राठौड़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरे मामले को दिखाकर फिर इस पर निर्णय किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा योजना क्रियान्वयन से जुड़े एक सवाल के तहत राजेन्द्र राठौड़ ने पूछा कि क्या खाद्य सुरक्षा योजना में पात्रताधारियों के लिए सीमा बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जा रही है। अभी ग्रामीण क्षेत्र में 69 फीसदी और शहरी क्षेत्र में 53 फीसदी आबादी को इस योजना के तहत कवर किया जा रहा है। इस पर रमेश मीणा ने कहा कि यह राज्य सरकार की शक्ति के दायरे में है और ऐसा करने की मंशा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के दायरे में कुल आबादी 446 लाख निर्धारित की गई है। वहीं, गुलाबचंद कटारिया के सवाल पर मीणा ने जानकारी दी कि यदि 100प्रतिशत आबादी को दायरे में लिया गया तो कुल 290 करोड का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।