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राजस्थान कांग्रेस के नेताओं की आपसी कलह को दूर करने के लिए प्रदेश प्रभारी गुरूदास कामत द्वारा करवाए जा रहे रात्रिभोज अब कांग्रेस के घर तक सिमटकर रह गये हैं। पूर्वमुख्यमंत्री के बाद राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के घर ड़िनर ड़िप्लोमेसी के तहत हुए दूसरे ड़िनर में कांग्रेस नेताओं की फूट साफ नज़र आ रही हैं।

प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत भी शायद उनकी इस ड़िनर ड़िप्लोमेसी की अवधारणा से नाखुश दिखाई दे रहे हैं। सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तीन साल पूरे कर चुके है और इन तीन सालों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपने घर में ही रह गए है। इसलिए ड़िनर ड़िप्लोमेसी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को शायद कुछ खास मोह नजर नही आ रहा है।

किस- किस ने किया पायलट के यहां ड़िनर

प्रदेश अध्यक्ष पायलट के भोज में प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सह प्रभारी मिर्जा इरशाद बेग, नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला, नमोनारायण मीणा, चंद्रेश कुमारी, भंवर जितेंद्र सिंह, लालचंद कटारिया, पूर्व अध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास, डॉ. बी.डी. कल्ला, नारायण सिंह, डॉ. चन्द्रभान, पूर्व राज्यपाल कमला एवं बी.एल. जोशी, राष्ट्रीय सचिव ताराचंद भगौरा, हरीश चौधरी, जुबेर खान, उपनेता प्रतिपक्ष रमेश मीणा व पूर्व नेता प्रतिपक्ष हेमाराम चौधरी शामिल हुए। इस रात्रिभोज में राष्ट्रीय महासचिव सीपी ज़ोशी, मोहन प्रकाश और जगन्नात पहाड़िया ने शिरकत नही कीं।

ड़िनर ड़िप्लोमेसी में सीनियर-जूनियर

पार्टी आलाकमान द्वारा जूनियर सचिन पायलट की तारीफ करने से पार्टी के सीनियर नेता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं ऐसे में ड़िनर ड़िप्लोमेसी उनके घावों पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं।

पहला रात्रिभोज हुआ था गहलोत के घर

रात्रिभोज पर राजनीति का पहला दौर पूर्वमुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के घर पर आयोजित किया गया था। गहलोत के घर पर आयोजित इस रात्रिभोज में कांग्रेस के कई नेताओं में आपसी फूट तो नजर आई ही थी साथ ही खाने के साथ आरोप प्रत्यारोप के मसले भी चले।

पायलट बने वरिष्ठ नेताओं की राह का रोड़ा

प्रदेश कांग्रेस अध्यश्र सचिन पायलट ने एक बयान में कहा था कि हम एक साथ खाना खाने के साथ प्रदेश के हालातों पर चर्चा करते हैं। तो क्या प्रदेश के हालातों पर ऐसी कौनसी चर्चा है जो बंद कमरे में की जाती हैं। सचिन पायलट ड़िनर ड़िप्लोमेसी के ज़रिए वरिष्ठ कांग्रेसियों की राह में रोड़ा बनते जा रहे हैं।

सीपी ज़ोशी क्यों हैं खामोश

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ड़िनर ड़िप्लोमेसी करना शायद मजबूरी बन गया हैं। क्योंकि गहलोत और पायलट के अलावा पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी ज़ोशी इस ड़िनर ड़िप्लोमेसी में खामोश हैं। सीपी ज़ोशी की खामोशी हो सकता है पार्टी में कोई बड़ा तूफान लेकर आय़े। क्योंकि ज़ोशी राजस्थान में कांग्रेस का तीसरा सबसे बड़ा चेहरा हैं और कांग्रेस का अलग धड़ा भी।

तीसरे ड़िनर का नही किया ऐलान

कांग्रेस ने राजनीति के दो रात्रिभोज तो कर लिए है लेकिन तीसरे रात्रिभोज का ऐलान अभी तक नही किया है। इसके लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी को सोचने और समझने में हो सकता है वक्त लगे लेकिन सभी की नज़रे सीपी ज़ोशी की और ही रहेंगी।