जयपुर। सेना में भर्ती की नई स्कीम ‘अग्निपथ योजना’ का विरोध देश में शुक्रवार को भी जारी रहा। बिहार, यूपी, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान में इसका ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। कई राज्यों में छात्रों ने ट्रेनों को निशाना बनाया है। छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के कारण कई यात्री ट्रेनों प्रभावित हुई है। वहीं, इसी बीच में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का बड़ा बयान सामने आया है।
राजे ने अग्निपथ योजना को सराहा
सूबे की पूर्व सीएम राजे ने अग्निपथ योजना को सराहा है। सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। वसुंधरा राजे ने पीएम को योजना के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राजे ने कहा कि अग्निपथ की योजना युवाओं के लिए बेहतर साबित होगी।
इस साल की भर्ती के लिए अधिकतम उम्र सीमा बढ़ाकर 23 साल की
मोदी सरकार ने अग्निपथ योजना को लेकर बड़ा फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय ने इस स्कीम के तहत इस साल की भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 साल कर दी है। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पिछले दो वर्षों के दौरान भर्ती करना संभव नहीं हुआ, सरकार ने फैसला किया है कि 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती प्रक्रिया के लिए एकबारगी (आयु सीमा में) छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत 2022 की भर्ती प्रक्रिया के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।
योजना पर सरकार का पक्ष
अग्निपथ योजना को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहुत सकारात्मक पहल बताया है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को सेना में भर्ती होने का मौका मिलेगा। इससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी और इसे नौजवानों को मिलिट्री सर्विस का मौका देने के लिए लाया गया है। इससे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके अलावा सेना रहते हुए मिले अनुभव से विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी भी मिल सकेगी।
अग्निपथ स्कीम का विरोध क्यों कर रहे युवा
यूपी, बिहार समेत कई राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम के नियमों पर नाराज हैं। उनका कहना है कि अग्निपथ स्कीम में चार साल के कॉन्ट्रैक्ट में सेना में भर्ती किया जाएगा। फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) दे दी जाएगी और ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे जो कि उनकी नजर में ठीक नहीं है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि पिछले दो सालों से सेना की भर्ती रुकी हुई है। उन्होंने भर्ती के लिए जरूरी फिजिकल टेस्ट भी पास कर लिया है, बावजूद इसके उनको नौकरी नहीं मिल रही है। इस बीच सेना में नौकरी के नए नियम लाना हताश करने जैसा है। युवाओं का कहना है कि अग्निपथ पॉलिसी लागू होने के बाद सेना भर्ती की आस लगाकर बैठे ओवरएज युवाओं और सेना भर्ती के लिये लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट दे चुके नौजवानों की भी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
क्या है ‘अग्निपथ’ योजना
केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है। योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा। योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी।
— ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी।
— इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी।
— 30-40 हजार मासिक वेतन के साथ अन्य लाभ भी दिए जाएंगे।
— पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा।
— चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी।
— सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा।