राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान योजना अपनी सफलता से प्रदेश के कई गांवों-कस्बो की कायपलट कर चुकी है। ऐसा ही एक इलाका है अजमेर जिले के मगरा क्षेत्र के तहत आने वाली बामनहेड़ा ग्राम पंचायत, जहां लगातार पानी की कमी के कारण यहां रहने वाले लोग कई परेशानियों से जूझ रहे थे। कुओं और हैडपंपों का जलस्तर लगातार नीचे गिर रहा था। पीने के पानी के लिए भी महिलाओं को लम्बी दूरी तय करना पड़ता था, सिंचाई की बात तो सोचना भी बेकार था। लेकिन इस इलाके में वसुंधरा राजे के प्रयासों के चलते मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान योजना के तहत पलाड नाडी का कायाकल्प जब से हुआ है, यहां की कायापलट होती दिखाई देने लगी है।
जिला कलक्टर गौरव गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि मगरा क्षेत्र की बामनहेड़ा ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने करीब 40 साल पूर्व पलाड नाड़ी का निर्माण करवाया था। बामनहेडा तालाब की आव का पानी इस नाडी में आता था। समय के साथ नाड़ी की उपयोगिता एवं अस्तित्व समाप्त होता गया। महिलाओं की परेशानी काफी बढ़ गई क्योंकि उन्हें दूर से पानी लाना पड़ रहा था। समस्या बढ़ी तो मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत पलाड नाडी का चयन कर जीर्णोद्धार करवा गया। इससे नाडी में तो पानी आया ही, साथ ही कई कुओं का जल स्तर भी बढ़ गया। अब पेयजल एवं पशुओं के लिए पानी गांव में ही उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के आने से यहां न केवल लोगों के चहरों पर खुशी झलकने लगी है। सिंचाई और पीने की पानी की समस्या पूरी तरह समाप्त हो गई है।
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