एक दशक में सबसे अधिक पहुंचा मौतों का आंकड़ा, पॉजिटिव मरीजों की संख्या हजार के करीब
स्वाइन फ्लू और इसका संक्रमण का कहर राजधानी जयपुर सहित प्रदेशभर में तेजी से फैल रहा है। इसकी जद में आए लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और प्रशासन अभी तक बैठके करने और विभाग आंकड़े छुपाने में जमकर मेहनत कर रहे हैं। हालांकि कहना गलत न होगा कि इतनी बड़ी तादात में स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने पर चिकित्सा विभाग भी सकते में है लेकिन उपाय और समाधान करना तो सरकार और विभाग दोनों का बनता है। देखा जाए तो केवल जनवरी महीने में प्रदेशभर में स्वाइन फ्लू से 39 मौतें हो चुकी हैं जो पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा हैं। नए साल में ही पॉजिटिव केस की संख्या 990 पहुंच गई है। केवल राजधानी जयपुर में अब तक 300 स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाए गए हैं जिनमें 40 चारदीवारी के हैं। पिछले 15 दिनों में जयपुर में 5 लोगों की स्वाइन फ्लू के मौत हो गई है। इसी से साफ नजर आ रहा है कि बीमारी रोकने में विभाग कितना सचेत है।
शहर के सोड़ाला, झोटवाड़ा, मालवीय नगर, मानसरोवर, सांगानेर, विद्याधर नगर, राजापार्क और शास्त्री नगर में स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव की संख्या ज्यादा है। फलोदी, जोबनेर सहित प्रदेश के अन्य इलाके जहां ठंड थोड़ी ज्यादा है, स्वाइन फ्लू तेजी से पांव पसार रहा है क्योंकि स्वाइन फ्लू का संक्रमण ठंड में तेजी से बढ़ता है।
अब कुदरत की ठंड को तो रोका नहीं जा सकता लेकिन अब स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए सरकार क्या कर रही है, यह बात भी भगवान भरोसे ही है। शहर में न तो फोगिंग हो रही है और न ही चिकित्सा कैंप लगाए जा रहे हैं। स्वाइन फ्लू के संक्रमण को रोकने की जगह नए नवेले चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अभी तक केवल स्वाइन फ्लू होने के कारणों को गिना रहे हैं। ऐसा भी तब है जब स्वाइन फ्लू के कारण 39 से ज्यादा मौते हो चुकी है। यह तो केवल सरकारी आंकड़े हैं। अगर वास्तविक आंकड़े निकाले जाए तो शायद इससे कहीं ज्यादा होंगे।
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