प्रदेश में चुनाव नजदीक आने से राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज हो गई है। कांग्रेस व बीजेपी सहित अन्य पार्टियों ने चुनाव को लेकर अपनी कमर कस ली है। बीजेपी व कांग्रेस दोमोर्चा संभालते हुए विरोधी नेताओं पर निशाना साधने से नहीं चूक रही है। हाल ही में नई दिल्ली में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में बैठक कर चुनावी रणनीति पर चर्चा की। इसके बाद सचिन पायलट ने दावा किया है कि कांग्रेस राजस्थान में बीजेपी को हराने में पूरी तरह सक्षम है और वह किसी पार्टी विशेष (बसपा व अन्य दल) से गठबंधन नहीं करेंगे।
आइए जानते हैं कि प्रदेश में जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे सचिन पायलट का दावा कितना सच और कितना झूठ है…
दावा- राजस्थान में कांग्रेस सभी विस सीटों पर बीजेपी को हराने में सक्षम है और वह किसी पार्टी विशेष से गठबंधन नहीं करेंगे।
हकीकत- भाजपा के खिलाफ कांग्रेस एक तरफ विपक्षी दलों को एकजुट करके महागठबंधन की तैयारी में जुटी हैं वहीं राजस्थान में पायलट किसी भी तरह के गठबंधन को नकार रहे हैं। हालांकि प्रदेश कांग्रेसी नेताओं में इसे लेकर एकमत नहीं है। कांग्रेस का एक धड़ा जहां जीत सुनिश्चित करने के लिए गठबंधन का समर्थन कर रहा है वहीं दूसरा धड़ा इसके खिलाफ है। कांग्रेस आलाकमान भी बसपा समेत अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के पक्ष में है वहीं सचिन पायलट इसके लिए सहमत नजर नहीं आ रहे हैं।
निष्कर्ष: गठबंधन को लेकर कांग्रेस के प्रयासों को पार्टी के भीतर चुनौतियों व आंतरिक कलह का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस का राज्य नेतृत्व गठबंधन के विकल्पों को लेकर काफी बंटा हुआ नजर आ रहा है। पायलट के फैसले के खिलाफ कई नेताओं के बीच असंतोष पनप रहा है। पायलट सभी विस सीटों पर कांग्रेस की मजबूती का दावा कर रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है। बसपा समेत अन्य दलों से गठबंधन के बिना ही जीत को लेकर अति उत्साहित दिख रहे पायलट का दावा 85 प्रतिशत तक झूठा है।
सच्चाई: 15 % झूठ: 85%
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