राजस्थान ने आयकर भरने वाले नए लोगों को जोड़ने के मामले में देश के अन्य सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। आयकर विभाग द्वारा चोरी रोकने को लेकर बनाई गई नीतियां और प्रवर्तन उपायों के कारण विभाग बड़ी संख्या में नए करदाताओं को जोड़ने में सफल रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष में सर्वाधिक नए करदाता प्रदेश से जुड़े हैं। राजस्थान में आयकर विभाग की प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर नीना निगम ने बताया कि अकेले जोधपुर संभाग में 6 लाख 20 हजार नए करदाता जुड़े हैं। प्रदेश के नए करदाताओं ने आयकर विभाग से जुड़कर पहली बार आयकरदाता के रूप में अपना टैक्स जमा करवाया है। निगम ने बताया कि देश के सभी राज्यों से पहले राजस्थान के आयकर दाताओं ने देश के विकास के लिए समय पर अपना कर जमा चुकाया है।
वित्त वर्ष में राजस्थान का लक्ष्य करीब 19 फीसदी अधिक
आयकर विभाग की प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर नीना निगम ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में राज्य का टारगेट करीब 19 फीसदी अधिक है। आयकर विभाग राज्य में मिले अपने नए लक्ष्य को हासिल करने में पूरे जोर के साथ लगा हुआ है। निगम ने आगे बताया कि राजस्थान ने पिछले साल कर वसूली के मामले में देश में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। राजस्थान ने पिछले साल 13 हजार करोड़ रुपए का टैक्स कलेक्शन किया है, जो कि देश के अन्य कई बड़े राज्यों की तुलना में बेहतर है। इस बार राजस्थान में आयकर विभाग को 22 हजार करोड़ रुपए का टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य मिला है।
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देशभर में 11 लाख 50 हजार करोड़ टैक्स कलेक्शन का टारगेट तय
नीना निगम ने बताया कि आयकर विभाग ने इस बार देश में 11 लाख 50 हजार करोड़ टैक्स कलेक्शन करने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आयकर विभाग की टीमें देशभर में लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद राजस्थान में आयकर विभाग ने 9500 लोगों को नोटिस जारी किया है, जिन पर विभाग का जांच कार्य जारी है। राजस्थान की प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर नीना निगम ने जोधपुर के आयकर विभाग कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए विभाग के अपने नए लक्ष्य की जानकारी दी। बता दें, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के निर्देशों के तहत मार्च, 2019 में वित्त वर्ष खत्म होने तक देशभर में 1.25 करोड़ नए आयकर दाता जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।