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File-Image: भारतीय जनता पार्टी (BJP) राजस्थान.

विश्व की ​सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का ताज अपने सिर रखने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हालिया पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कोई बड़ी सफलता मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी के साथ बीजेपी को पहली बार इस तरह की हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले देश के तकरीबन 70 प्रतिशत भूभाग पर बीजेपी शासित सरकारें थीं। पिछले पांच साल के दौरान बीजेपी शासित राज्यों में सरकारों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते हुए विकास के अनगिनत काम करवाएं। बावजूद इसके बीजेपी को पार्टी शासित तीन राज्यों में हार का सामना करना पड़ा। पांच साल के विकास कार्य को देखते हुए पार्टी हार का पूर्व अनुमान नहीं लगा पाई। नहीं तो हो सकता था परिणाम कुछ और ही होते। राजस्थान में अब भारतीय जनता पार्टी अपनी इस हार पर मंथन करने में जुट गई है।

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File-Image: भारतीय जनता पार्टी.

हार के कारणों पर होगा आत्मचिंतन और लोकसभा चुनाव में जीत की तैयारी में जुटेंगे

राजस्थान ​विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर हो चुकी बीजेपी शनिवार और रविवार को हार के कारणों पर मंथन कर रही है। पार्टी के सभी सांगठनिक जिलों में पार्टी के विधायक, सांसद, पूर्व सांसद और पदाधिकारी हार के कारणों पर आत्मचिंतन करेंगे और इससे सबक लेकर लोकसभा चुनाव में जीत की तैयारी में जुटे हैं। चुनाव हारने के डेढ़ सप्ताह बाद पार्टी के नेता अब पार्टी कार्यालय में दिखने लगे हैं। आहिस्ता आहिस्ता ही सही उनके चेहरों पर चमक भी लौटने लगी है। हारी थकी पार्टी अब हार के सदमे से उबरने की कोशिश में जुटी है और इस कड़ी में शनिवार से हार के कारणों की समीक्षा का दौर शुरू चुका है। जिलेवार पार्टी नेता आत्ममंथन कर हार के कारणों का पता करेंगे।

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लोकसभा चुनाव के लिए हिम्मत और हौंसला जुटाएगी बीजेपी

बहरहाल हार पर माथापच्ची के बाद बीजेपी फिर से लोकसभा चुनाव के लिए हिम्मत और हौंसला जुटाने में लग जाएगी। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को रोकने के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को जमकर मेहनत करनी होगी। क्योंकि राजस्थान का ट्रेंड ही ऐसा है जो पार्टी विधानसभा चुनाव जीतती है उसे लोकसभा चुनाव में हमेशा बढ़त मिलती है। लिहाजा बीजेपी को इस बार जमकर पसीना बहाना पड़ेगा तभी जाकर वह कांग्रेस का आम चुनाव में मुकाबला कर पाएगी। हालांकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी मजबूत नजर आ रही है।