राजस्थान सरकार ने प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले वाहन चालकों को बड़ी सौगात दी है। राज्य सरकार की इस सौगात से किसी कारणवश 8वीं पास नहीं कर सके जनजातीय क्षेत्रों के हजारों वाहन चालकों को फायदा मिलेगा। दरअसल, राजस्थान परिवहन विभाग ने प्रदेश के जनजातीय अंचलों में बसने वाले वाहन चालकों के लिए कम से कम 8वीं कक्षा पास होने की शर्त हटा दी है। इससे पहले शैक्षणिक योग्यता की कमी के चलते ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक व्यक्ति लाइसेंस नहीं बनवा पा रहे थे। उनकी शैक्षिक योग्यता ड्राइविंग लाइसेंस पाने में रोड़ा बनीं हुई थी। परिवहन विभाग ने लाइसेंस के साथ ही अनुसूचित क्षेत्र में संचालित मंजीली यानों के लिए पथ कर में भी छूट दी है। नए वाहन पर तीन साल तक के लिए इस छूट का प्रावधान रहेगा।
अनुसूचित क्षेत्र में कम शिक्षा के चलते चालकों की रोजी-रोटी पर था संकट
उदयपुर संभाग के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी ने बताया कि परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के सुझावों के तहत राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र से सटे मध्य प्रदेश और गुजरात के इलाकों में भी वाहनों को कर मुक्त करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। जिससे जनजातीय क्षेत्रों के वाहन चालकों को फायदा हो सकेगा। गौरतलब है कि अनुसूचित क्षेत्र में व्यवसायिक वाहनों के ऐसे हजारों की संख्या में चालक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के प्रतिक्षारत हैं जो 8वीं कक्षा पास नहीं है। इसके चलते इन चालकों के घर में रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। लेकिन अब परिवहन विभाग की पहल पर जनजातीय क्षेत्रों के बिना आठवीं पास व्यक्ति भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकेंगे।
Read More: किसानों के ट्रांसफार्मर अब तीन से छह घंटे में बदलेंगे: मुख्यमंत्री राजे
इसके अलावा परिवहन सेवाओं के लिए अनुदान दिए जाने के लिए विषेश प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही वर्तमान में अनुसूचित क्षेत्र में परिवहन क्षेत्र में परिवहन सेवाओं के विस्तार हेतु संचालित बसों की संख्या को बढ़ाने को कहा गया है। भारत सरकार को अनुसूचित क्षेत्र के निवासी वाहन स्वामियों को ऋण पर ब्याज की राशि का अनुदान दिए जाने का भी प्रस्ताव है।