डायरेक्टर संजय लीला भंसाली अपने गंभीर मुद्दों को लेकर बनाई गई फिल्मों को लेकर हमेशा ही चर्चाओं में रहे हैं। इन दिनों भंसाली अपने आने वाली फिल्म पद्मावती को लेकर सुर्खियां बटौर रहे हैं। रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर को लेकर बनाई जा रही यह पीरियड ड्रामा 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। हालांकि यह फिल्म महारानी पद्मावती और राजपूती इतिहास को लेकर बनाई जा रही है लेकिन राजपूत समाज ने इस फिल्म व संजय लीला भंसाली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कथित रूप से रानी पद्मावती की कहानी 13वीं और 14वीं सदी की है जो चित्तौड़ की रानी थीं। रानी पद्मावती का किरदार इस फिल्म में दीपिका ने और उनके पति रावल रतन सिंह का किरदार शाहिद कपूर ने निभाया है। रणवीर सिंह बने हैं मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी।
बताया जा रहा है कि इस फिल्म में भंसाली ने पद्मावती का अलाउद्दीन खिलजी संग प्रेम प्रसंग दिखाया है जो वास्तविकता में कभी हुआ ही नहीं था। अब यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब यह विवाद इतना बढ़ गया है कि इस कहानी का विरोध कर रहे राजपूत संगठनों और जौहर स्मृति संस्थान (JSS) ने फिल्म रिलीस के मौके पर 1 दिसंबर को चित्तौड़गढ़ बंद का ऐलान कर दिया है। साथ ही राजस्थान के उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले में बीते शुक्रवार को भी निजी स्कूल बंद रहे। गैर अनुदानित शिक्षण संस्था संचालक समिति के आह्वान पर यह बंद किया गया था। इस बंद का प्रचार-प्रसार करने के लिए संगठन सोशल मीडिया, मोबाइल मेसेज और अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इस बंद में राजपूत संगठन करणी सेना भी शामिल है। जैसे-जैसे इस फिल्म की रिलीज का समय पास आ रहा है, विरोध और भी तेज हो रहा है।
राजपूत संगठन और जौहर स्मृति संस्थान का कहना है कि इस फिल्म में भंसाली राजपूती इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं जिसे बिलकुल भी बर्दाश नहीं किया जाएगा। इतिहास के पन्नों में अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 इसवी में चित्तौड़गढ़ पर हमला किया था, मगर इसकी वजह रानी नहीं थीं। यह भी दावा किया गया है कि रानी पद्मावती का असली नाम पद्मिनी है। जैन पुस्तक में के पति रावल रतन सिंह का जिक्र है लेकिन खिलजी संग उसके किसी भी संबंध की कोई चर्चा नहीं है। जैन धर्म की यह पुस्तक 14वीं से 16वीं ईसा पूर्व लिखी गई है। ऐसे में भंसाली की फिल्म में दिखाए गए दृश्य व कहानी राजपूती समाज का मजाक उड़ाने जैसा है।
आपको यह भी बताते चले कि यह कोई पहली बार नहीं है कि भंसाली की किसी फिल्म का इस तरह बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है। रणवीर कपूर और सोनम कपूर को लेकर बनाई गई फिल्म सांवरिया और रणवीर सिंह, प्रियंका व दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म बाजीराव मस्तानी भी अपने गंभीर मुद्दों को लेकर खासी विवादों में रही थी। इसके बाद भी दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स आॅफिस पर अच्छा कारोबार किया। अधिकतर यह माना जाता है कि कोन्ट्रोवर्सी (विवाद) में फंसी फिल्में सिनेमाघरों में अच्छा व्यवसाय करती हैं। अब देखना है कि इस फिल्म में राजपूत समाज अपनी पकड़ छोड़ता है या भंसाली की पद्मावती लोगों के दिलों पर अपनी छाप।
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