राजस्थान में तेज ठंड के साथ ही स्वाइन फ्लू का क़हर बरकरार है। प्रदेश में जनवरी माह में अब तक स्वाइन फ्लू से करीब 60 मौतें हो चुकी है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौतों से तो यही लगता है कि वर्तमान राजस्थान सरकार का इस ओर ज़रा भी ध्यान ही नहीं है। गहलोत सरकार स्वाइन फ्लू के मामले में गंभीर नहीं लग रही। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा स्वास्थ्य विभाग की विफलता पर पहले ही पल्ला झाड़ चुके हैं। प्रदेश में रोजाना 200 से 300 स्वाइन फ्लू मरीज सामने आ रहे हैं। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के पास बड़े शहरों को छोड़ गांव-शहरों में मर रहे लोगों को देखने जाने तक का समय नहीं है। बुधवार को भी राज्य में करीब 100 नए केस सामने आए हैं। वहीं प्रदेश में स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी 1500 के पार पहुंच गई है। इस मामले में सरकार ने रोकथाम या काबू पाने के लिए कोई विशेष कदम अब तक नहीं उठाए हैं। इससे मरने वाले की संख्या में दिन-ब-दिन इजाफा हो रहा है।
लोग मर रहे हैं.. और चिकित्सा मंत्री कह रहे 26 को झंडारोहण के बाद करूंगा दौरा
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा स्वाइन फ्लू की इमरजेंसी के बीच चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। मंत्री शर्मा अलवर जिले की रामगढ़ सीट पर 29 जनवरी को होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार में व्यस्त है। मरीजों को उन्होंने राम भरोसे छोड़ दिया है और चुनावी रैलियों और सभाओं के बीच मंत्री मॉनिटरिंग का दावा कर रहे हैं। लेकिन स्वाइन फ्लू बेकाबू हो रहा है और लगातार मौत के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे हालातों में चिकित्सा मंत्री ने कोई खास एक्शन नहीं लिया है। ना ही गहलोत सरकार इस नियंत्रण पाने के लिए सही रणनीति बनाने में कामयाब रही है। यहां तक कि जब मीडिया कर्मियों ने चिकित्सा मंत्री शर्मा से बिगड़ती स्थिति और बढ़ रही मौतों की संख्या पर सवाल पूछे तो उन्होंने जवाब में यह कहा, बोले मौतें पहली बार नहीं हो रही हैं। 26 को झंडारोहण करूंगा, उसके बाद ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पाउंगा। चिकित्सा मंत्री के लिए शायद लोगों की जिंदगी से ज्यादा जरूरी चुनाव प्रचार है।
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पत्रकारों के सवाल पूछने पर गैर जिम्मेदाराना बयान दिए चिकित्सा मंत्री ने
जब पत्रकारों ने चिकित्सा मंत्री से यह सवाल किया कि आपके लिए स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण जरूरी है या रामगढ़ चुनाव में सभाएं करना? इस पर शर्मा का जवाब था कि वे पूरे प्रदेश का मंत्री हैं। कहीं भी रहे स्वाइन फ्लू पर पल-पल नजर रखे हुए हैं। जब पत्रकारों ने दूसरा सवाल किया कि 56 मौतें हो गई, आपने आज तक एक बार भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं किया, क्या चिकित्सा मंत्री की यही ड्यूटी है? इस पर मंत्री ने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि ये चार महीने मौसमी बीमारियों के होते हैं। पहली बार मौतें नहीं हो रही। मैंने रूट प्लान तय कर लिया है। 26 जनवरी को झंडारोहण करके प्रभावित सभी क्षेत्रों का दौरा करूंगा। देश में सर्वाधिक मौतें राजस्थान में हुई हैं। अफसर और संबंधित डॉक्टर निष्क्रिय हैं? इस पर चिकितसा मंत्री ने कहा कि हायर लेवल से आदेश दे दिए हैं। एक बार मौतों के आंकड़े कम होने दो। वरिष्ठ अफसरों से हर केस की जांच करवाई जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे प्रदेश के स्वाइन फ्लू मरीज इस बीमारी से खुद को बचा पाएंगे जब सबसे बड़ी जिम्मेदारी वाला व्यक्ति ही मुंह फेरकर बैठ जाए।