आज करवा चौथ का पवित्र दिन है। इस साल सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन बिना पानी की बूंद पीये उपवास रखती हैं और शाम को चांद देखने के बाद ही भोजन ग्रहण करती हैं। भारत जैसे संस्कृति वाले देश में करवा चौथ का खासा महत्व है। नई नवेली दुलहनों को इस दिन का खास इंतजार रहता है। इस साल करवा चौथ शनिवार (27 अक्टूबर) को पड़ रही है। वैसे तो करवा चौथ का चतुर्थी का व्रत है। रविवार को चतुर्थी में चंद्रमा का उदय नहीं हो रहा है। इसके कारण शनिवार को ही करवा चौथ की व्रत रखी जाएगी। करवा चौथ में चंद्रमा को अर्घ अर्पण करने से व्रतियों को अखंड सुहाग की प्राप्ति होती है। पति दीर्घायु के साथ तेजस्वी और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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इस बार करवा चौथ पर अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं। शनिवार की रात 7:59 बजे तक कार्तिक कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। पंडितों के अनुसार इस बार 11 साल बाद करवाचौथ पर राजयोग बन रहा है। इससे पहले 2007 में करवाचौथ पर राजयोग बना था। इसके साथ ही सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग भी बन रहे हैं। तीन एक साथ शुभ योग के होने के कारण इस बार करवाचौथ की पूजा अत्यंत ही शुभ मुहूर्त में होगी।
करवा चौथ मुहूर्त
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5:40 से 6:47 बजे तक
करवा चौथ चंद्रोदय समय: शाम 7 बजकर 55 मिनट
करवा चौथ की मान्यता
करवा चौथ की एक ही कहानी को सबसे अधिक मान्यता दी गई है। यह कहानी है देवी सावित्री की। सावित्री ने अपने तप के बल पर पति सत्यवान को यमराज से मुक्त कराया। यमराज से उन्होंने अपने पति की लंबी आयु का वरदान हासिल किया था। यह व्रत आमतौर पर शादीशुदा महिलाएं ही करती हैं। करवा चौथ पर महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर उसे अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। चांद निकलने के बाद करवाचौथ की पूजा की जाती है।
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