राजस्थान के बीकानेर स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत-अमेरिका का संयुक्त् युद्धाभ्यास किया जाएगा। इस अभ्यास को ‘वज्र प्रहार‘ नाम दिया गया है। इस युद्धाभ्यास में आर्मी की स्पेशल फॉर्सेज हिस्सा लेंगी जिसमें युद्ध की रणनीति के साथ आतंकवाद के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई का अभ्यास किया जाएगा। यह युद्धाभ्यास 19 नवम्बर से शुरू होगा जो 2 दिसम्बर तक चलेगा। इसमें भारतीय थल सेना की विशेष टुकड़ियां अमेरिकी आर्मी के साथ विभिन्न टास्क को लेकर युद्ध का अभ्यास करेंगी। बीकानेर के मरू प्रदेश में होने वाले इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं आधुनिक हथियारों के साथ लड़ने और स्ट्रेटजी पर जोर देंगी।
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भारत, अमेरिका व जापान की नौ सेनाएं हर साल पूर्व तट पर मलाबार युद्धाभ्यास करती हें जो पिछले करीब डेढ़ दशक से चल रहा है।
अगले साल भारत-अमेरिका की तीनों सेनाएं देश के पूर्व तट पर संयुक्त युद्धाभ्यास भी करेंगी जो रूस के बाद भारत का किसी भी देश के साथ पहली ट्राई सर्विस एक्सरसाइज होगी। बता दें, भारत ने अमेरिका से सी-17 ग्लोबमास्टर, सी-30 जे सुपर हक्र्यूलिस और पी-80 एयरक्राफ्ट खरीदे हैं। इन सभी घातक हथियारों का प्रदर्शन भी यहां किया जा सकता है। शीघ्र ही अमरीकी अपाचे व चिनूक हेलीकॉप्टर भी भारतीय सेना में शामिल किए जाएंगे।
रूस, जापान, सिंगापुर व चीन के साथ भी होगा युद्धाभ्यास
नवम्बर महीने में भारतीय सेना अमेरिका के साथ रूस व जापान के साथ भी संयुक्त युद्धाभ्यास करेगा। जापान के साथ मिजोरम के वारंगटे स्थित काउंटर इनसरजेंसी वारफेयर स्कूल में 1 से 14 नवम्बर तक युद्धाभ्यास किया जाएगा जिसे ‘धर्म गार्जियन‘ नाम दिया गया है। रूस व भारत का संयुक्त युद्धाभ्यास उत्तरप्रदेश के बबीना में 16 से 29 नवम्बर के बीच होगा जिसका नाम ‘इंद्र 2018‘ है। सिंगापुर के साथ तोपखाने का संयुक्त अभ्यास ‘अग्नि वारियर‘ भी नवम्बर में होना है। दिसम्बर में चीन के साथ भारत का संयुक्त युद्धाभ्यास भी प्रस्तावित है। भारत-चीन का युद्धाभ्यास का नाम ‘हैण्ड इन हैण्ड‘ है जो चीन के चेंगदू में किया जाएगा।
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