राजस्थान में कम बारिश के चलते कई क्षेत्रों में अरसों से पानी की बड़ी समस्या रही है। लेकिन पिछले चार साल से वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार ने इस समस्या का हल निकालने का प्रयास किया है, जिसमें राजे सरकार सफल भी रही है। प्रदेश का भीलवाड़ा जिला भी बरसों से पानी की समस्या का सामना कर रहा है। खासतौर पर शाहपुरा तहसील के आस-पास के गांवों में लंबे समय से मीठा पानी की समस्या रही है, लेकिन अब सालों का इंतजार खत्म हो गया है। राजे सरकार की करोड़ों की लागत वाली चम्बल-भीलवाड़ा पेयजल परियोजना से शाहपुरा के 80 गांवों को अब चम्बल का मीठा पानी मिल रहा है।
चम्बल-भीलवाड़ा पेयजल परियोजना से शाहपुरा तहसील के 150 गांव होंगे लाभान्वित
चम्बल-भीलवाड़ा पेयजल परियोजना से फिलहाल शाहपुरा कस्बा एवं तहसील के 80 गांवों की डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को मीठा पानी मिल रहा है। इस परियोजना में शाहपुरा के 150 गांवों को मीठा पानी उपलब्ध कराया जाना है। परियोजना में शेष बचे गांवों में भी जल्द ही चंबल का मीठा पेयजल उपलब्ध करवाकर लाभान्वित किया जाएगा। पिछले दिनों जलदाय विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा परियोजना के कार्य का निरीक्षण कर कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। अधिकारियों के अनुसार परियोजना में शाहपुरा शहरी एवं ग्रामीण, कनेछनकलां एवं नई अरवड एवं बच्छखेड़ा पम्पिंग स्टेशन तक मीठा पानी पहुंच चुका है।
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चम्बल-भीलवाड़ा परियोजना में 158 करोड़ रुपए की लागत से अब तक 80 फीसदी काम पूरा
राज्य सरकार ने भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा तहसील के 150 गांव व शाहपुरा कस्बे में पेयजल की कमी को दूर करने के लिए चम्बल परियोजना फेज-द्वितीय पैकेज पंचम का कार्यादेश जारी किया गया था। वर्तमान में 198.98 करोड़ रुपए की स्वीकृति के विरुद्ध परियोजना में 158.87 करोड़ रुपए व्यय कर 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है, बाकी बचा काम भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। परियोजना के अन्तर्गत 4 स्वच्छ जलाशय, 34 उच्च जलाशय एवं 5 पंम्पिंग स्टेशन का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। साथ ही 2 हजार 508 पीएसपी, 501 सीडब्ल्यूटी एवं 150 वीटीसी का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। जलदाय विभाग ने दावा करते हुए कहा कि शाहपुरा तहसील के सभी 150 गांवों में चंबल का पानी जल्द ही मुहैया करा दिया जाएगा।