बारां

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सामूहिक विवाह के आयोजन से नवदम्पतियों को सम्बल मिलता है और सामाजिक समरसता की भावना भी सुदृढ़ होती है। ये ही हमारे देश की मूल पहचान है। बारां में सभी धर्मों के 2222 जोड़ों का सामूहिक विवाह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम है। समाज के विभिन्न वर्गों के युवक-युवतियों के सामूहिक विवाह से मानवता की सेवा को सर्वोपरि रखकर एक मिसाल कायम की गई है।
गहलोत शुक्रवार को बारां में श्री महावीर गौशाला कल्याण संस्थान के सर्वधर्म निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सत्य, अहिंसा एवं अनेकता में एकता हमारे महापुरुषों की शिक्षाओं के साथ-साथ संविधान की मूल भावनाएं भी हैं।
सभी समुदायों के जोड़े परिणय सूत्र में बंधे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वधर्म निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन में सभी धर्मों के 2222 जोड़ों का विधि-विधान से विवाह सम्पन्न करवाया गया। इनमें 2111 हिन्दू समाज एवं 111 मुस्लिम समाज के जोड़े शामिल थे। नवदम्पतियों को भामाशाहों के सहयोग से जीवनयापन के लिए मूलभूत आवश्यकता वाली वस्तुएं भी प्रदान की गई।
राज्य सरकार दे रही सामूहिक विवाह को प्रोत्साहन
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों से सामूहिक विवाह को प्रोत्साहन दे रही है। राज्य में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना जैसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जन सहभागिता से इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है।
प्राणी मात्र का कल्याण हमारा ध्येय
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राणी मात्र का कल्याण राज्य सरकार का ध्येय है। गत 4 वर्षों में गौशालाओं को लगभग 2500 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। गौशालाओं को साल में 9 महीने अनुदान दिया जा रहा है। हर पंचायत समिति में नंदीशालाएं खोलने के लिए 1.56 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार पशु-पक्षियों के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ सुविधाएं स्थापित कर अनूठी पहल की गई है।