जयपुर। राजस्थान के डीग में अवैध खनन के विरोध में आत्मदाह का प्रयास करने वाले संत बाबा विजय दास का शनिवार को निधन हो गया। वह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने भरतपुर के डीग इलाके में भगवान कृष्ण की क्रीड़ा स्थली माने जाने वाले आदिबद्री इलाके में वैध.अवैध खनन को रोकने के लिए आत्मदाह की कोशिश की थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद हड़कंप मच गया था। उन्हें आनन.फानन में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती किया गया था।
बीजेपी ने संत की मौत का जिम्मेदार कांग्रेस सरकार को ठहराया
भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार को संत विजयदास की मौत का जिम्मेदार ठहराया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, सांसद दीया कुमारी और कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। आपको बता दें कि अवैध खनन के खिलाफ संत समाज का धरना.प्रदर्शन करीब 500 दिन से चल रहा था।
अशोक गहलोत के राज में संतों को देनी पड़ी रही है बलि : राजे
साधु विजय दास के निधन पर भाजपा गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा है। वसुंधरा राजे ने कहा कि जिस तरह राज्य में संतों को आंदोलन करना पड़े, लोकहित की मांगों को मनवाने के लिए अपनी बली देनी पड़े उस राज्य में इससे बड़ी अराजकता और कोई हो ही नहीं सकती। मैं संत विजय बाबा को श्रद्धाजंलि अर्पित करती हूं तथा शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना करती हूं।
जिस राज्य में संतों को आंदोलन करना पड़े, लोकहित की मांगों को मनवाने के लिए अपनी बलि देनी पड़े उस राज्य में इससे बड़ी अराजकता कोई हो ही नहीं सकती।
मैं संत विजय बाबा को श्रद्धासुमन अर्पित करती हूं तथा शोक-संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना करती हूं।#Rajasthan #Bharatpur pic.twitter.com/JTrV7vlNy2— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 23, 2022
बीजेपी सरकार ने अवैध खनन पर लगाई थी रोक
पूर्व सीएम राजे ने कहा कि हमारी भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2005 को बृज क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगाई थी। लेकिन कांग्रेस सरकार में आस्था से जुड़े बृज क्षेत्र में अवैध खनन फिर से शुरू हो गया। इसको रोकने के लिए संतों ने आवाज उठाई थी। जिसे सरकार समय रहते सुन लेती तो, आज एक संत की जान नहीं जाती। मीडिया रिपोटर्स के अनुसार कांग्रेस जब सत्ता में आई, तो उनके शासनकाल में भी फिर से खनन शुरू हो गया। अब संत विजयदास के आत्मदाह और निधन के बाद फिर से यह मुद्दा विवादों में आ गया है।
हमारी भाजपा सरकार ने 27 जनवरी, 2005 को बृज क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगाई थी। लेकिन कांग्रेस सरकार में आस्था से जुड़े बृज क्षेत्र में अवैध खनन फिर से शुरू हो गया। इसको रोकने के लिए संतों ने आवाज उठाई थी, जिसे सरकार समय रहते सुन लेती तो आज एक संत की जान नहीं जाती।#Bharatpur
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 23, 2022
भाजपा ने किया विरोध प्रदर्शन
इससे पहले डीग के गांव पसोपा में आदिबद्री एवं कनकांचल पर्वत को खनन मुक्त कराने की मांग को लेकर साधु के आत्मदाह की कोशिश करने के मामले को लेकर शुक्रवार को भाजपा ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच कलक्ट्रेट परिसर में प्रवेश को लेकर भाजपा नेताओं एवं पुलिसकर्मियों के बीच धक्का.मुक्की भी हो गई। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार एवं पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
85 प्रतिशत जल गया था शरीर
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा और डॉक्टर राकेश जैन ने बताया था कि बाबा विजय दास के शरीर का 85 प्रतिशत का हिस्सा आग की चपेट में आ गया। उनके चेहरे को छोड़ पूरे शरीर पर आग से जलने के कारण घाव हो गए थे। जब डॉक्टरों ने बताया कि संत की हालत गंभीर है, तो उसके बाद उन्हें दिल्ली शिफ्ट करने का फैसला लिया गया।
जानिए कौंन थे बाबा विजय दास
बाबा विजय दास भिवानी हरियाणा के बड़वाना गांव के रहने वाले हैं। साल 2002 में मान मंदिर बरसाना में आकर संत बन गए थे। इससे पूर्व फरीदाबाद की एक कपड़ा फैक्ट्री में वह डिजाइनर एक्सपर्ट थे। एक हादसे में उनके पुत्र और पुत्रवधू की मौत हो गई थी। जिसके बाद वह अपनी पौत्री दुर्गा के साथ मान मंदिर बरसाना आकर रहने लगे। यहां आंदोलन के दौरान गांव पसोपा में मंदिर के महंत बनाए गए। फिलहाल उनकी पौत्री दुर्गा मान मंदिर के गुरुकुल में रहती हैं।