जयपुर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सोमवार से प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी छोटे-बड़े सभी धार्मिक स्थल सशर्त खोल दिये गये हैं। वहीं वहीं, कुछ बड़े मंदिरों को मंदिर प्रशासन ने फिलहाल बंद रखने का फैसला किया है। इनमें जयपुर के मोती डूंगरी, झारखंड़ महादेव जैसे मंदिर हैं। राज्य सरकार ने अपनी तरफ से लगाई गई पाबंदी 7 सितंबर से हटा ली है। मंदिरों में घंटी बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। गाइडलाइन के मुताबिक, मंदिरों में हैंड सैनिटाइजर करके और थर्मल स्कैनिंग के बाद ही भक्तों को एंट्री दी जाएगी। साथ ही, दर्शन के वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। मंदिरों की घंटियों को छूने पर भी पाबंदी है। भक्तों को अभी भगवान को छूने की भी मनाही है। लॉकडाउन में राजस्थान के सभी धार्मिक स्थल बंद थे। हालांकि गहलोत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की सीमित संख्या वाले धार्मिक स्थल एक जुलाई से फिर से खोलने की अनुमति प्रदान कर दी थी। लेकिन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े धार्मिक स्थल कोविड-19 महामारी के कारण अब तक बंद थे।
दरगाह मे वजू पर रोक रहेगी
अजमेर दरगाह मे आने-जाने के लिए सोमवार से चारों गेट खोल दिए गए। लॉकडाउन के बाद से सिर्फ मुख्य गेट से आवाजाही हो रही थी। गाइडलाइन के अनुसार फूल और चादर पेश नहीं किए जाएंगे। जिसके चलते फूल और चादर की बिक्री पर भी रोक रहेगी। दरगाह में वजू पर फिलहाल रोक रहेगी। साथ ही दरगाह परिसर मे भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जा रही है।
यह है गृह विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन….
– धार्मिक स्थल पर फूल, माला, प्रसाद अन्य पूजा सामग्री ले जाने पर रोक रहेगी।
– मंदिरों की घंटी बजाने पर प्रतिबंध रहेगा।
– अब केवल एक कतार जाने की होगी और एक कतार आने की होगी।
– एक समय में मंदिर परिधि में केवल 50 श्रद्धालुओं को ही दी जाएगी इजाजत।
– मंदिर में 50 फीट दूर से सकेंगे भगवान के दर्शन।
– एक साथ अधिकतम 15 से 20 श्रद्धालु ही प्रभु के दर्शन कर पाएंगे।
– श्रद्धालु प्रभु को कुछ भी नहीं चढ़ा पाएंगे।
– सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी तरह पालना करनी होगी।
– मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
– सार्वजनिक स्थानों पर थूकना कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
– राज्य सरकार की गाइड लाइन का उल्लंघन करने पर भारी दंड और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।