प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख दुनिया में लगातार बढ़ रही है। महाशक्ति कहलाने वाले देश रूस ने शुक्रवार को पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री की इस उपलब्धि से एक बार फिर हिंदुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया में “हर-हर मोदी, घर-घर मोदी” का नारा गूंज उठेगा। पीएम मोदी को यह अवॉर्ड भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहित करने। भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी संबंधों को विशिष्ट रूप से बढ़ाने। व उत्कृष्ठ योगदान के लिये दिया गया। इस सम्मान का नाम ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोसल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिया जाने वाला यह सातवां सम्मान है।
संयुक्त अरब अमीरात की तरफ से सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जान के कुछ हफ्ते बाद ही प्रधानमंत्री मोदी का इस सम्मान से नवाजा गया है। यूएई की तरफ से जो अवॉर्ड पीएम मोदी को दिया गया वह उन लोगों को दिया जाता है। जिनका उस देश के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत करने में उनके नेतृत्व की अहम भूमिका हो।
क्या, कब, क्यों और कैसे हर-हर मोदी?
इस सम्मान को वर्ष 1698 में रूस के तत्कालीन सम्राट जार पीटर द ग्रेट ने। ईसा मसीह और रूस के पैट्रन सेंट के पहले देवदूत के सम्मान में स्थापित किया था। पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले 17वें व्यक्ति हैं। इससे पहले रूस यह सम्मान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी दे चुका है। 4 अप्रैल को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भी प्रधानमंत्री मोदी को द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को “काफी बढ़ावा”देने के लिए। अपने प्रतिष्ठित जायद मेडल से सम्मानित किया था। यूएई के राष्ट्रपति शेख ख़लीफ़ा बिन जायद अल नाहयान ने। राजाओं, राष्ट्रपतियों और राष्ट्राध्यक्षों को दिए जाने वाले इस सर्वोच्च सम्मान से प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया था। साल 1998 से लेकर जून 2018 तक यह अवॉर्ड सिर्फ 18 लोगों को दिया गया है। जिनमें हथियारों को डिजाइनर मिखाइल कलाश्निकोव, लेखक अलेगजेंडर सोलजेझेनिटिज्न, कोरियोग्राफर ग्रीगोरोविच और पूर्व सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव शामिल हैं।
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