राजस्थान में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण एवं लाभकारी साबित हो रहा है। सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जून 2016 से प्रारंभ हुआ यह अभियान प्रतिमाह की 9 तारीख को राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवतियों महिलाओं के हेल्थ फेयर के रूप में आयोजित किया जाता है। अगस्त माह में 9 तारीख को आयोजित किए गए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) में प्रदेशभर में 72 हजार 611 गर्भवती महिलाओं ने निःशुल्क प्रसवपूर्व जांचों एवं प्रसव संबंधी परामर्श सेवाओं का लाभ उठाया। इसके लिए प्रदेशभर के 2 हजार 833 राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव संबंधी जांच एवं परामर्श के सत्र स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा चिकित्सा अधिकारियों की देखरेख में आयोजित किए गए। जिनमें राजकीय चिकित्सकों के साथ ही 215 निजी चिकित्सकों ने भी स्वैच्छिक योगदान दिया है।
अब तक 15 लाख 86 हजार 884 लाभार्थियों की हो चुकी है भागीदारी
स्वास्थ्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा मिशन निदेशक नवीन जैन ने बताया कि पीएमएसएमए शिविरों में प्रतिमाह गर्भवती महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। यह अभियान के प्रति लाभार्थियों के बढ़ते विश्वास को भी दर्शाता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में अब तक कुल 68 हजार 309 आयोजित शिविरों में 15 लाख 86 हजार 884 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इनमें से लाखों गर्भवतियों को चिकित्सकों ने आवश्यक जांच के बाद टीटी-1 व टीटी-2 के इंजेक्शन तथा आयरन की गोलियां व आयरन सुक्रोज देकर इनके सुरक्षित प्रसव हेतु आवश्यक देखरेख पूरी की है।
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निदेशक जैन ने बताया कि मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने पीएमएसएमए से जुड़े निजी क्षेत्र के स्त्री रोग विशेषज्ञों व चिकित्सकों का उनके स्वैच्छिक योगदान हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया है।