वसुन्धरा सरकार की प्रदेश में चलाई जा रही मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी और सिंचाई की समस्या का निदान हुआ है। ग्रामीणों के साथ-साथ यह योजना वन्य जीवों के लिए भी वरदान साबित हो रही है। ऐसा ही कुछ सामने आया है बारां की पंचायत समिति अटरूं की ग्राम पंचायत मोठपुर में, जहां पीपल की तलाई के गहरीकरण के कार्य से अब यहां वन्यजीवों के लिए वर्षभर पेयजल की समस्या नहीं होगी।
जिला कलक्टर डॉ. एस.पी. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में पंचायत समिति अटरू की ग्राम पंचायत मोठपुर से 2 किमी दूर इलाके में महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से पीपल की तलाई के गहरीकरण का कार्य किया गया है। इस कार्य में 1693 दिन लगे जबकि लागत 2.23 लाख रूपए आई है। गहरीकरण के कार्य से तलाई की क्षमता में दोगुनी वृद्धि हुई है। इससे न केवल यहां के पुशओं व वन्यजीवों को सालभर पीने के लिए पानी उपलब्ध होगा, बल्कि क्षेत्र के भू-जल स्तर में भी वृद्धि होगी।
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सरकारी की मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना व महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से ही ग्राम पंचायत मोठपुर में पीपल चैक तलाई के गहरीहकरण से अब वर्षाजल का समुचित संग्रहण संभव हो सका है। वर्तमान में तलाई की भराव क्षमता दोगुनी हो गई है। इससे वन्यजीवों को पानी तो उपलब्ध होगा ही, आसपास का क्षेत्र हरियाली से भरा होगा। इससे चारागाह क्षेत्र में वृद्धि होगी और पशुओं को चारा आसानी से उपलब्ध हो सकेगा।
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