राजस्थान के बीकानेर जिले में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में चल रहे युद्धाभ्यास ‘विजय प्रहार’ का बुधवार को समापन हो गया। 1 अप्रैल, 2018 से चल रहे इस अहम युद्धाभ्यास में सप्त शक्ति कमांड के 20 हजार सैनिकों ने जमीन और आसमानी युद्ध कौशल की तकनीक पर काम करते हुए परमाणु हमले से मुकाबले का भी जमकर अभ्यास किया है। इस युद्धाभ्यास में भविष्य में युद्ध होने की स्थिति में रासायनिक और परमाणु हथियारों से निबटने के लिए सेना के जवानों और अधिकारियों ने रेगिस्तान के रेतीले धोरों में न्यूक्लियर प्रोटेक्शन सूट पहनकर अभ्यास करते हुए कई नई तकनीकों पर काम किया है। सैन्य सूत्रों ने बताया कि सेना ऐसे हमलों से निबटने के लिए वायुसेना के साथ मिलकर खुद को तैयार कर रही है।
40 दिनों से चल रहे युद्धाभ्यास का शीर्षस्थ सैन्य अधिकारियों ने किया अवलोकन
बुधवार को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास ‘विजय प्रहार’ के समापन पर सप्त शक्ति के कमांडर समेत अनेक शीर्षस्थ सैन्य अधिकारी लगभग 40 दिनों से चल रहे युद्धाभ्यास का अवलोकन किया। इस युद्धाभ्यास के दौरान राजस्थान में स्थापित भारतीय सेना की सप्त शक्ति कमांड के सैनिकों ने परमाणु हथियार, कठिन पर्यावरण समेत सभी आकस्मिक परिस्थितियों में लड़ने के लिए खुद को तैयार किया है। समापन समारोह में थल और वायु सेना ने अपने कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। युद्धाभ्यास के समापन समारोह में थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के शामिल होने की संभावना है।
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