आजादी के बाद 50 सालों तक कांग्रेस ने राजस्थान में एक छत्र राज्य किया लेकिन विकास के नाम पर प्रदेश को सिर्फ ठेंगा मिला। हर विकास के काम का पूर्व सीएम अशोक गहलोत की सरकार फंड न होने का बहाना लगा आज-कल करती रही जबकि बीते 5 सालों में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान की भाजपा सरकार ने विकास का हर पैमाना पार किया। फिर चाहे वह मेडिकल कॉलेज खोलने की बात हो या फिर गांव-शहरों में बिजली-पानी पहुंचाने की। गांवों में पानी पहुंचाने के लिए भी कांग्रेस आज-कल करती रही और भाजपा सरकार ने प्रदेश को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के जरिए गांव की ढाणियों तक में जल पहुंचाने का कार्य किया है।
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मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना (शहरी क्षेत्र) के तहत झालावाड़ जिले में 1.5 करोड़ रुपए की लागत के अलग-अलग तरह के 98 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। यहां आधुनिक सुविधाओं वाले 24 आदर्श पीएचसी संचलित हो रहे हैं, जिससे जिले के लाखों लोगों को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है।
यहां तक की जो सेवाएं कांग्रेस सरकार में बदहाल थी, उन्हें बीजेपी सरकार ने पूरजोर से बहाल किया है। भाजपा सरकार की बदौलत ही प्रदेश की जनता कैशलेस इलाज का लाभ उठा रही है। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत केवल झालावाड़ जिले में 40 करोड़ की राशि से 12 लाख लोगों को कैशलेस उपचार मिला है। कांग्रेस के करीब 50-55 साल के शासन में प्रदेश में केवल 7 मेडिकल कॉलेज थे। इसके दूसरी ओर, राजस्थान की भाजपा सरकार ने पिछले 5 वर्षों में ही प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज खोलकर युवाओं के डॉक्टर बनने के सपने को साकार किया है। मेडिकल सीटों की संख्या 1850 से बढ़कर 3100 तक पहुंच गई है।
कांग्रेस ने प्रदेश के अन्नदाताओं तक से बैर रखा लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने किसान भाइयों के मुस्कुराते चेहरों में अपनी सफलता देखी। उनके अथक प्रयासों व योजनाओं का ही फल है कि 2013 के बाद से अब तक किसानों के खेत सदा लहलहाते रहे। विपत्ति के समय किसानों को 50 हजार रुपए तक की ऋणमाफी दी गई जिसका फायदा लाखों किसानों ने उठाया। इस कार्य में सरकार को 8 हजार करोड़ से अधिक का घाटा उठाना पड़ा। इसी विकास के घोड़े पर सवार भाजपा एक बार फिर वसुन्धरा राजे के चेहरे के साथ प्रदेश की सत्ता पर विराजमान होने के लिए तैयार है और प्रदेश की जनता ने उन्हें फिर से महारानी का मुकुट पहनाने की तैयारियां कर ली है।
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