जयपुर। राजस्थान के कोटा संभाग में बीते दिनों भारी बारिश की वजह से हुए नुकसान के बाद किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग जोरों पर है। राज्य सरकार ने सर्वे और मुआवजे की कार्रवाई को शुरू कर दी है। केंद्र सरकार से भी आई टीम भी नुकसान का जायजा लेकर लौट चुकी है। अतिवृष्टि से किसानों को पहुंचे नुकसान पर बीजेपी आंदोलन की रणनीति तय कर मैदान में उतर गई है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर आंदोलन का आगाज कर दिया है।
ढ़ाई साल से किसानों को नहीं मिला मुआवजा
भवानी सिंह राजावत ने सोमवार को कलक्ट्रेट के बाहर लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के किसानों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन कर सरकार से जल्द किसानों को मुआवजा देने की मांग कर रहे है। पूर्व संसदीय सचिव राजावत ने आरोप लगाया है की लाडपुरा के सैंकड़ों किसान दो ढाई बरसों से 2019-20 के मुआवजे के लिए अभी तक तरस रहे हैं। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। अब फिर कई फसलों में 80-100 प्रतिशत खराबा हो गया।
किसानों के पास बिल भरने के पैसे नहीं
राजस्थान के पूर्व विधायक भवानी सिंह ने कहा कि इस बार फसलों के खराबे का मुआवजा सरकार कब तक देगी इसका कोई भरोसा नहीं है। गांवों की सम्पर्क सड़कें भी टूट चुकी है। बर्बाद हुए किसानों के पास बिजली के भारी बिल आना उनके साथ अन्याय है। इसलिए अब सरकार को चाहिए कि शीघ्र गांव में गिरदावरी शुरू कर पीड़ित लोगों को मुआवजा देना शुरू करे। इसके साथ ही गांव की सड़कें भी जल्दी ही ठीक करवाते हुए किसानों का 2 माह का बिजली का बिल माफ किया जाये।
5 लाख बीघा में फसले हुई तबाह
राज्य और केन्द्र के जांच दल बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के बाद नुकसान 80-100 प्रतिशत मान रहे हैं जबकि अधिकारी 30 प्रतिशत खराबा ही मान रहे हैं। राजावत का कहना है कि केन्द्रीय जांच दल ने भयावह हालात को देखते हुए कहा है कि 3 लाख 60 हजार बीघा में फसलें बर्बाद हो गई जबकि वास्तव में कुल 5 लाख बीघा में फसलों की तबाही का अनुमान है।
वसुंधरा राजे ने हवाई सर्वे कर लिया था जायजा
आपको बता दें कि पिछले दिनों भारी बारिश के बाद सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हवाई सर्वे करके राज्य सरकार पर राहत और बचाव कार्य में अनदेखी का आरोप लगाया था। अब राजे समर्थक किसानों को मुहावजा दिलाने के लिए अशोक गहलोत पर हमला बोल रहे है। उनका आरोप है कि पिछले ढ़ाई साल से किसानों को मुहावजा अभी तक नहीं मिला है।