आजादी के बाद से हमारा देश भ्रष्टाचार और कालाबाजारी का दंश झेलता रहा है। 65 साल की लम्बी अवधि के दौरान देश में कई ऐसी सरकारें आई जिन्होंने भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम पर लोगों से वोट तो लिये लेकिन एक के बाद एक घोटाले कर अपनी ही जेब भरते रहे। इसका एक गंभीर उदाहरण वर्ष 1985 में भी देखने को मिला। जब मशहूर कांग्रेसी नेता एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ओडिशा यात्रा के दौरान गरीबों की हालत सुधारने के लिए चलाई जा रही सरकारी योजानाओं में भ्रष्टाचार की बात कबूल करते हुए कहा कि केन्द्र से भेजे गए एक रुपए में से महज 15 पैसे ही जरूरतमंदों तक पहुंच पाते हैं।
वसुंधरा ने भामाशाह योजना से निकाला भ्रष्टाचार का तोड़
देश के विकास में बाधा बन रहे भ्रष्टाचार को मिटाने में जहां केन्द्र सरकार व राज्यों की तमाम सरकारें कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी। वहीं राजस्थान की पूर्व भाजपा सरकार (वसुंधरा सरकार) ने भामाशाह योजना के माध्मय से भ्रष्टाचार की कमर तोड़ने का फैसला लिया। प्रदेश के सभी परिवारों का भामाशाह कार्ड बनाकर सभी सदस्यों को उनसे जोड़ने की इस महत्वाकांक्षी योजना पर पहले तो विपक्षी दलों ने खूब सवाल उठाए। लेकिन बाद में जब राजश्री, पेंशन, छात्रवृति जैसी कई योजनाओं का पूरा पैसा लाभान्वितों तक पहुंचने लगा, महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनने लगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगी तो कांग्रेस ही नहीं विश्वभर में इस योजना की प्रशंसा की जाने लगी।
दलाली रोकने में रचा इतिहास
भामाशाह योजना की सफलता का अंदाजा इसी आंकड़े से लगाया जा सकता है कि राजस्थान के 1 करोड़ 70 लाख परिवारों के करीब 6 करोड़ 20 लाख सदस्यों को इससे जोड़ा जा चुका है। वहीं करीब 48 करोड़ ट्रांजेक्शन के माध्यम से 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जरूरतमंदों के बैंक खातों में सीधी पहुंचा दी गई है। मतलब वर्ष 2013 से 2018 तक सरकारी योजनाओं का एक भी पैसा किसी बिचौलिये के हाथों में नहीं गया। वसुंधरा सरकार की इस बहुआयामी योजना ने जिस कुशलता से सरकारी व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाते हुए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई उसका लोहा पूरे देश ने माना।
भामाशाह योजना को बंद करना कांग्रेस की मानसिकता पर सवालिया निशान
जब भामाशाह योजना की सफलता के चलते मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की लोकप्रियता बढ़ी तो कांग्रेसी नेताओं ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान इस योजना को ही बंद करने का ऐलान कर दिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए भ्रष्टाचार से समझौता कर लेगी ? वहीं कांग्रेस यदि भामाशाह योजना को बंद कर भी देती है तो उनकी कमान में ऐसी कौनसी तीर है जो भ्रष्टाचार रोकने में कारगर साबित होगी ?
Content: OM