नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने अपने वर्तमान कार्यकाल का अंतिम बजट पेश कर दिया है। प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश किया। 2019 के आम चुनाव से पहले पेश इस बजट में मोदी सरकार ने सभी वर्गों को राहत देते हुए जनकल्याण की कई नई योजनाओं की घोषणा की है। देश की आबादी में सर्वाधिक प्रतिशत रखने वाले किसान-मज़दूर को इस बजट में केन्द्र में रखते हुए कई बड़े तोहफे दिए हैं। दो हेक्टेयर भूमि वाले किसानों को सालाना 6 हजार रुपए की धनराशि देने के साथ ही मज़दूर वर्ग के लिए बड़ी घोषणा की है। अरुण जेटली की अनुपस्थिति में बतौर वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री श्रमयोगी मनधन नाम से मजदूरों के लिए पेंशन योजना का ऐलान किया है।
हर महीने 100 रुपए जमा कराने होंगे, 10 करोड़ लोगों को मिलेगा योजना का लाभ
मोदी सरकार की श्रम योगी मनधन योजना के तहत 15,000 रुपए मासिक से कम सैलरी पाने वाले लोग इसका फायदा उठा पाएंगे। लेकिन इसके लिए मज़दूरों को हर महीने 100 रुपए अकाउंट में जमा कराने होंगे। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस योजना का लाभ देश के 10 करोड़ से अधिक मज़दूरों को मिलेगा। प्रधानमंत्री श्रम योगी मनधन योजना के तहत 60 साल की उम्र पार कर चुके मजदूरों को गुजारा करने के लिए सरकार 3000 रुपए पेंशन के तौर पर देगी। प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरों को 100 रुपए दिए जाएंगे। हालांकि यह पेंशन मासिक तौर पर ही मिलेगी। अंतरिम बजट 2019 में केन्द्र सरकार ने श्रमयोगी मनधन स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं।
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मजदूर की अचानक मौत पर मिलेगा 6 लाख रुपए का मुआवजा
मोदी सरकार ने बजट में मज़दूरों को 3000 रुपए मासिक पेंशन देने के साथ ही एक और बड़ी घोषणा की है। मजदूर की अचानक मौत पर उसके परिवार को मुआवजे के रूप में 6 लाख रुपए मिलेंगे। इससे देश के करोड़ों की संख्या में मजदूरों में खुशी छाई हुई है। उनके हित में पहली बार किसी सरकार ने इतने बड़े फैसले लिए हैं। सरकार ने बजट में 21000 रुपए मासिक तक सैलरी पर 7000 बोनस का प्रावधान किया है। ग्रैच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी है। इससे सरकारी और निजी क्षेत्र में काम कर रहे बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। नई पेंशन स्कीम में केन्द्र सरकार की भागीदारी 14 प्रतिशत होगी।