लेकसिटी उदयपुर के सौंदर्यीकरण को बनाए रखने के लिए मानसून से पहले शहर में एक लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस काम में सभी विभाग अपना सहयोग देंगे। शहर की विभिन्न पहाड़ी इलाकों में भी पौधारोपण कर पर्यटन की दृष्टि से बेहतर बनाया जाएगा। आयुर्वेद विभाग की ओर से 2 हजार हर्बल एवं औषधीय पौधे लगाए जाने है। जिला प्रशासन का इस कार्य में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हमारी झीलों की नगरी उदयपुर का नैसर्गिंक सौंदर्य बेहद खुबसूरत है और इसे संरक्षित रखने का दायित्व हम सभी का है। इसके लिए आगामी मानसून से पूर्व उदयपुर शहर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में एक लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य सभी विभागों को मिलकर पूरा करना होगा। कटारिया ने उदयपुर यूआईटी सभागार में शहर में वृहद पौधरोपण कार्यक्रम को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने बताया कि उदयपुर में पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान पौधे उपलब्ध कराने का दायित्व वन विभाग का रहेगा। निर्धारित लक्ष्य के आधार पर नगर विकास प्रन्यास, नगर निगम एवं वन विभाग को 20-20 हजार पौधे लगाएंगे। एमएलएसयू व एमपीयूएटी को मिलकर 15 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है। साथ ही अन्य संबंधित विभागों को अपने परिसर एवं अपने अधीन कार्यालयों में पौधरोपण करने के निर्देश दिए। शिक्षा विभाग को राजकीय एवं निजी विद्यालयों में पौधरोपण का दायित्व सौंपा गया है। इस अभियान में शहर के अन्य निजी महाविद्यालय, नर्सिंग कॉलेज, रीको एवं अन्य संस्थानों को भागीदारी सुनिश्चित करने की बात भी कही गई है। आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. शोभालाल औदिच्य ने आयुर्वेद विभाग की ओर से 2 हजार हर्बल एवं औषधीय पौधे लगाने की बात कही।
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गृहमंत्री कटारिया ने शहर की सड़कों के दोनों और अधिक ऊंचाई वाले आकर्षक पौधे लगाने पर जोर दिया। साथ ही यूआईटी एवं नगर निगम द्वारा विकसित पार्कों में सघन पौधरोपण करने के भी निर्देश दिए। गृहमंत्री ने शहर की विभिन्न पहाड़िया रत्नागिरी, रामगिरी, गूगला मगरा, गोवर्धन विलास, सज्जनगढ़, चीरवा की घाटी, बड़ी एवं अन्य आदि पहाड़ी क्षेत्र जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है वहां बड़ी मात्रा में पौधे लगाकर उनके उचित संरक्षण की बात कही।
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