आज जयपुर शहर का 290वां हैप्पी बर्थडे यानि स्थापना दिवस है। इस मौके पर गुलाबी शहर में जगह-जगह कई तरह के रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रमों का आयोजन पूरे दिनभर चलता रहेगा। लेकिन जैसा कि जयपुर शहर की मान्यता है, जयपुर स्थापना दिवस के कार्यक्रमों का पहला न्योता आराध्य मोतीडूंगरी गणेशजी को दिया गया। इसी क्रम में सुबह 8 बजे मोतीडूंगरी वाले गणेशजी मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया जिसमें महापौर डॉ. अशोक लाहोटी, उप महापौर मनोज भारद्वाज सहित नगर निगम जयपुर के पार्षद और अधिकारी उपस्थित हुए।
स्टैच्यू सर्किल पर जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह की मूर्ति पर हार व पुष्पांजली का कार्यक्रम आयोजित हुआ। यहां बैंड-बाजों के साथ जयपुर स्थापना दिवस मनाया गया है। इसके साथ ही सुबह 9 बजे गंगापोल गेट पर जयपुर स्थापना स्थल के सौंदर्यीकरण के कार्य का शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित हुआ और गणेश पूजन किया गया है। सुबह 10 बजे जयपुर के अराध्यदेव गोविंददेवजी मंदिर में कथ्थक नृत्य का आयोजन किया गया है।
आपको बता दें कि गुलाबी नगरी जयपुर की स्थापना 18 नवंबर, 1727 में सवाई जयसिंह द्वितिय के हाथों हुई थी। ज्योतिष विज्ञान पंडित जगन्नाथ सम्राट और राजगुरू रत्नाकर ने शहर स्थापना के लिए सबसे पहले गंगापोल की नींव रखी। वास्तुकार विद्याधर ने नौ ग्रहों के आधार पर शहर में 9 चौकड़ियों और सूर्य के 7 घोड़ों पर 7 दरवाजे युक्त परकोटा बनवाया। पूर्व से पश्चिम की ओर जाती सड़क पर पूर्व में सूरजपोल और दक्षिण में चंद्र पर चांदपोल बनाया गया है। नाहरगढ़ की पहाड़ियों से पूरे जयपुर का अदभूत नजारा दिखाई देता है।
जयपुर स्थापना दिवस को मनाने का श्रेय शहर के कुछ उत्साही युवकों को जाता है जिन्होंने 18 नवंबर, 1955 को जयपुर दिवस समारोह मनाना शुरू किया था। तब यहां के बाशिंदों ने भी अपने घरों में दीए जलाकर खुशी का इजहार किया था। फिर 1977 में जयपुर स्थापना दिवस मनाने का सिलसिला शुरू हुआ, जो बरकरार है। उस समारोह में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने भी जयपुर स्थापना दिवस के कार्यक्रमों में शिरकत की थी।
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