राजस्थान वीरों की मरूभूमि होने के साथ सांस्कृतिक मेलों और स्थलों से भरा हुआ प्रदेश है। यहां हर महीने में कुछ खास आयोजन होते रहते हैं जिनका सिलसिला कभी नहीं थमता। अब जब नए साल की शुरूआत हो चुकी है तो इस महीने होने वाले फेस्टिवल व इवेंट्स की जानकारी होना तो बनता है। जो लोग क्रिसमस और न्यू ईयर पर कहीं बाहर न जा सके हों, उनके लिए राजस्थान में इस महीने सेलिब्रेट होने वाले इवेंट्स में शामिल होने का एक अच्छा अवसर है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं जनवरी में मनाए जाने वाले राजस्थान के टॉप 5 फेस्टिवल व इवेंट्स, जो प्रदेश के साथ देशभर में अपनी खास पहचान रखते हैं। आइए, जानते हैं उनके बारे में ….
1. इंटरनेशनल कैमल फेस्ट-बीकानेर
इस साल के फेस्टिवल व इवेट्स की शुरूआत होगी कैमल फेस्टिवल से। राजस्थान के बीकानेर जिले में 25वां अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव आयोजित होने वाला है। यह इवेंट 13 से 14 जनवरी को आयोजित होगा। पर्यटन सीजन में यह ऊंट उत्सव सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। पर्यटन मुख्यालय ने इस अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के लिए 15 लाख रुपए मंजूर किए हैं। बीकानेर के धोरों पर ऊंट की सवारी, ऊंटों के करतब और लोक कलाकारों के गीत-संगीत के कार्यक्रमों की राजस्थान के पर्यटन में खास पहचान रखती है।
2. इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल-जयपुर
इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल जयपुराइट्स के लिए एक खास इवेंट है जो यहां चाव से सेलिब्रेट किया जाता है। मकर संक्रांति यानि 14 जनवरी को शहर के पोलो ग्राउण्ड में यह आयोजन होता है जहां रंग-बिरंगी पतंगों से एक-दूसरे को पटकनी दी जाती है। तीन दिन तक चलने वाले इस इवेंट में विदेशों से भी पतंगबाज आते हैं और प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। यहां ‘फाइटर काइट’ और ‘डिस्प्ले काइट’ दो सेक्शन कॉप्टिशन कराए जाते हैं। विजेताओं को उम्मेद भवन में पुरस्कार दिया जाता है।
3. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल-जयपुर
लेखन-पठन से जुड़े साहित्यकारों के लिए गुलाबी नगरी में हर साल आयोजित होने वाला जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल एक खास मायने रखता है। इसे बुक मार्क शो भी कहा जाता है। इस इवेंट में हर साल साहित्य व रचना से जुड़े देसी-विदेशी कलाकार यहां आते हैं और अपने अनुभव सांझा करते हैं। बॉलीवुड से जुड़े कलाकार भी यहां बुलाए जाते हैं। डिग्गी पैलेस में आयोजित होने वाला यह इवेंट 25 जनवरी को शुरू होगा जो 29 जनवरी तक सेलिब्रेट होगा। एंट्री फ्री है।
4. बणेश्वर मेला-डूंगरपुर
राजस्थान के जिला मुख्यालय डूंगरपुर से 70 किमी दूरी पर अवस्थित जनजाति तीर्थ बेणेश्वर माही, सोम, जाखम, सलिलाओं, शिव शक्ति और वैष्णव देवालयों और त्रिदेवों के संगम होने से देवलोक का प्रतिरूप सा बन गया है। बेणेश्वर धाम पर माघ शुक्ला एकादशी से आदिवासियों का महाकुंभ प्रारंभ होता है जो क्रमशः विकसित होता हुआ माघ पूर्णिमा पर पूर्ण यौवन पर होता है। बणेश्वर मेला 27 जनवरी से शुरू हो रहा है। मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान राज्यों के वनवासियों की संस्कृति एवं समाज की विभिन्न विकासधाराओं का दिग्दर्शन कराने वाला यह मेला आंचलिक जनजाति संस्कृति का नायाब उदाहरण है। राजा बली की यज्ञ स्थली और नदियों के संगम स्थल कारण पुण्यधरा माने जाने के कारण इस मेले में लोग आबूदर्रा में अपने मृत परिजनों के मोक्ष की कामना से पवित्र स्नान, मुण्डन, तर्पण, अस्थि विसर्जन आदि धार्मिक रस्में पूरी करते हैं।
5. डेजर्ट फेस्टिवल-जैसलमेर
राजस्थान में रेत के धोरों के बीच जैसलमेर में मनाया जाने वाला डेजर्ट फेस्टिवल एक प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। यह राजस्थान पर्यटन बोर्ड द्वारा आयोजित एक तीन दिवसीय त्योहार है जिसे शुरूआत में राजस्थान की तरफ और अधिक विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था। शहर से 42 किमी दूर स्थित सैम रेत टिब्बा में 29 जनवरी से आयोजित होने वाले इस इवेंट में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, ऊंट दौड़, पगड़ी बांधने, और सबसे अच्छी मूंछ की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाने जाएगा। कालबेलिया नृत्य व घूमर नृत्य यहां का खास आकर्षण है।
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