मलेशिया की कंपनी ने राज्य में पीपीपी मोड पर 10 हजार किलोमीटर लंबे हाईवे निर्माण का एमओयू किया लेकिन अब मलेशिया की कंपनी ने हाईवे बहनाने के लिए चीन की कंपनी का चयन किया हैं। कंपनी ने हाईवे निर्माण के लिए तीन पैकेज की डीपीआर भी प्रस्तुत कर दी हैं। अब राज्य सरकार की एम्पावर्ड कमेटी तीन पैकेज में बनने वाली सड़कों के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाएंगी।
चायना की कंपनी बनाएगी हाईवे, राजस्थान सरकार वसूलेगी टोल
विदेशी कंपनियों ने सड़क निर्माण के बाद लागत वसूली के लिए टोल लगाने से मना कर दिया हैं। ऐसे में अब विदेशी कंपनियों की बनाई गई सड़कों पर एनएच के नियमानुसार टोल राज्य सरकार वसूल करगी।
मलेशिया की कंपनी के साथ किया था 10 हजार करोड़ सड़कों का एमओयू
मलेशिया की कंपनी डीएमआई, मलेशिया के साथ 10 हजार करोड़ की सड़कों का आमओयू किया हैं। मलेशियाई कंपनी ने सड़क बनाने का काम चीन की चायना रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया हैं। इन हाईवे के मंटीनेंस का काम 10 साल तक मलेशियाई कंपनी करेगी। चायना रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी को 3500 किमी हाईवे सड़के बनाने का काम दिया जा रहा हैं। पहले फेज में 1832 किलोमीटर की 27 हाईवे सड़कों के तीन पैकेज की डीपीआर तैयार कर एंपावर्ड कमेटी की मंजूरी के लिए भेज दी गई हैं। यह तीन पैकेज करीब 5 हजार करोड़ के हैं।
प्रदेश में पहली बार स्विस चैलेंज सिस्टम से बनेगी सड़कें
प्रदेश में स्विस चैलेंज सिस्टम से पहली बार सड़कों का निर्माण को अमली जामा पहनाया जाएगा। राजस्थान में ढाई साल पहले जिन 20 हजार किमी सड़कों के निर्माण की घोषणाएं हुई, उनमे से अब तक मात्र 64 किमी सड़के ही बन पाई हैं। लेकिन अब 5 हजार करोड़ की सड़कों के निर्माण के लिए कंपनियां आगे आ गई हैं और तीन में से दो पैकेज की डीपीआर भी बना ली गई हैं। अब 31 मार्च से पहले 11 जिलों , जयपुर, नागौर, पाली, जालौर, सिरोही, बांसवाड़ा, चित्तोड़गढ, प्रतापगढ, डूंगरपुर, बाड़मेर और जोधपुर के कई इलाकों में 18 सौ किमी सड़कों के निर्माण के वर्क ऑर्डर जारी कर दिए गये हैं। अब तक सड़के पीडब्लुडी या टेंडर ठेके के माध्यम से बनाई जाती थी। लेकिन अब स्विस चैलेंज सिस्टम के तहत मलेशियन कंपनी ने डीपीआर तैयार की हैं।
रिसर्जेंट राजस्थान से सच हुए सपने
रिसर्जेंट राजस्थान में राज्य सरकार ने मलेशियाई कंपनी से 10 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण का एमओयु किया था जो कि अब धरातल पर आ रहा हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दूरगामी सोच का परिणाम हैं कि रिसर्जेंट राजस्थान में हुए वादे अब पूरे हो रहे हैं। लग रहा हैं राजस्थान के लोगों के सपने अब पूरे हो रहे हैं।