स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में 176 पायदान की छलांग के साथ 39वें स्थान पर आया गुलाबी नगर
राजस्थान सरकार की अग्रिम पहल पर प्रदेश की राजधानी जयपुर की नई सूरत का स्पष्ठ आईना है स्वच्छता की आदत। इसी का परिणाम है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में शहर को 39वां स्थान प्राप्त हुआ है। देश के 4047 शहरों के बीच यह स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया है। इससे पहले पिछले साल हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में शहर को सफाई में 215वीं रैंक मिली थी लेकिन इस साल 176 पायदान की छलांग लगाई है। सफाई की इस रैंकिंग सुधारने का श्रेय पूरी तरह से नगर निगम और राज्य सरकार की जागरूकता को जाता है। प्रदेश की जनता ने सरकार का पूरा साथ स्वच्छता अभियान में निभाया है। शहर के लोगों ने सफाई को एक अभियान के तरीके से नहीं बल्कि एक संस्कृति के तौर पर अपनाया है।
पिछले साल हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में जयपुर शहर को सफाई में 2000 अंकों में से कुल 954 अंक मिले थे। यह कुल अंकों का मात्र 48 प्रतिशत था। लेकिन इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में शहर को 4000 में से कुल 2971 यानि 74 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं। इसी के साथ जयपुर देश के टॉप 50 साफ शहरों में शामिल हो गया है।
इन सुधारों से जयपुर से मिली बेस्ट रैंकिंग
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में नगर निगम और शहर के महापौर अशोक लाहोटी ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।
- इस साल डोर-टू-डोर कूडा कलेक्शन सुविधा भी शुरू की गई है जिसका पूरा असर शहर में देखने को मिल रहा है।
- ‘स्वच्छ भारत का इरादा’ गाना बजाते हुए इस कचरा गाड़ी की आवाज सभी को प्रतिदिन स्वच्छता अभियान की याद दिला देती है।
- सफाई कर्मचारियों पर नियंत्रण रखने के लिए जयपुर नगर निगम में बायोमैट्रिक अटेंडेंस मशीन लगाई गई है ताकि शहर के सभी वार्डों में सफाई कर्मी मौजूद रहें।
- कचरा उठाने वाले वाहनों को जीपीएस से कनेक्ट किया गया है ताकि मॉनिटरिंग की जा सके। मॉनिटरिंग खुद निगम कमिश्नर रवि जैन ने की है।
- शहरभर में हरे व नीले रंग के करीब 26 हजार डस्टबिन लगाए गए हैं।
- शहर में ट्रैक्टर माउंट क्लीनर हैं व रोड स्वीपर लगाकर मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग शुरू की है।
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