स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए देश के सबसे स्वच्छ शहरों के नाम की घोषणा आज बुधवार को राष्ट्रपति भवन में हुयी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सभी पुरस्कार प्रदान किये। इस सर्वेक्षण में इंदौर लगातार तीसरी बार पहले पायदान पर रहा है। सबसे स्वच्छ राजधानियों में भी मध्यप्रदेश की भोपाल पहले स्थान पर है। 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में उज्जैन ने बाजी मारी है। जबकि राजस्थान की राजधानी का प्रदर्शन ख़राब रहा। जयपुर पिछले साल की तुलना में 5 पायदान लुढ़क कर 44वें पायदान पर जा पहुंचा। जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में जयपुर 39वें पायदान पर था।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018: राजधानी श्रेणी में जयपुर, सिटीजन फीडबैक में कोटा अव्वल
सात कैटेगरी में स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के पुरस्कार
शहर | कैटेगरी |
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इंदौर | सबसे स्वच्छ शहर |
अहमदाबाद | सबसे स्वच्छ बड़ा शहर (10 लाख से ज्यादा आबादी वाला) |
उज्जैन | सबसे स्वच्छ मध्यम आबादी वाला शहर (3 -10 लाख की आबादी) |
एनडीएमसी दिल्ली | सबसे स्वच्छ छोटा शहर (3 लाख से कम आबादी) |
भोपाल | सबसे स्वच्छ राजधानी |
दिल्ली | सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट |
उत्तराखंड | सबसे स्वच्छ गंगा टाउन गौचर |
शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार, स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के दौरान 4237 शहरों में 28 दिनों तक सर्वेक्षण किया गया। इस दौरान विभिन्न टीमों ने 64 लाख लोगों की प्रतिक्रिया ली। साथ ही, इन शहरों के 4 करोड़ लोगों का सोशल मीडिया के माध्यम से भी फीडबैक लिया गया। इन सभी शहरों के 41 लाख फोटो भी सर्वेक्षण टीम ने लिए। वहीं सर्वेक्षण में शामिल शहरों की तरफ से स्वच्छता के संदर्भ में 4.5 लाख दस्तावेज़ अपलोड किए गए।
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जब स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में इंदौर तीन बार नंबर वन आ सकता है तो जयपुर क्यों नहीं
साल 2014 तक इंदौर सफाई के मामले में 149वें नंबर पर था। लेकिन अब, स्वच्छता की एक मिसाल बन चुका है। अव्वल नंबर बनने के बाद देश के 300 शहरों के प्रतिनिधि इंदौर के सफाई सिस्टम का निरक्षण कर चुके हैं। 100 से ज्यादा नगरीय निकायों ने इंदौर की केस स्टडी भी मंगवायी है। जिनमें जयपुर, बेंगलुरु, पूणे, और चेन्नई से लेकर जम्मू-कश्मीर भी शामिल है। ठीक एक साल पहले जयपुर स्वच्छता रैंकिंग कॉम्पीटिशन करवाया गया था। जिसमे एमआई रोड एवं चांदपोल बाजार व्यापार मंडल बने विजेता थे।
क्यों… इंदौर सफाई के मामले में 1 नंबर पर
- ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर वहां नए प्रयोग शुरू करने वाला देश का पहला ऐसा शहर।
- बेकार निर्माण सामग्री के संग्रह समेत 100फ़ीसदी कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल का निपटान।
- शहर के 19 जोन के लिए अलग-अलग 19 स्क्रीन और कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम।
- गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग के लिए 29 हजार से ज़्यादा घरों में काम।
- इंडिया के पहले डिस्पोजल फ्री मार्केट। इसमें हाल ही में 56 दुकान क्षेत्र को शामिल किया है।
- देश का पहला शहर, जहां लाखों लोगों की मौजूदगी के रहते दो जीरो वेस्ट इवेंट हुए।
एक साल पहले क्या, चार महीने पहले तक कहा जाता था। जयपुर की बदलती सूरत का आईना है स्वच्छता। लेकिन सिर्फ 28 दिनों के स्वच्छता सर्वेक्षण में हम लोग इतने पिछड़ गए। ऊपर चढ़ने की बजाय सीधा पांच स्थान नीचे लुढ़क गए। इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है। आप ही बतायें।
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