नई दिल्ली के निकट सूरजकुंड में चल रहे अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेला अपने चरम पर है। यह मेला 2 फरवरी से चल रहा है जो अपने अंतिम चरम पर आ पहुंचा है। गुरूवार को 32वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेला में एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ जिसमें राजस्थानी लोक कलाकारों की रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम की शुरूआत डीग, भरतपुर के जितेंद्र पाराशर की अगुवाई में गणेश वंदना से की। इसके बाद प्रांगण के चौपाल मंच पर दो घंटे तक अनवरत चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में खाजूवाला, बीकानेर के ओमप्रकाश भील व साथियों ने मशक वादन एवं अनिशुद्दीन व कलाकारों ने चरी नृत्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की शुरूआत डीग, भरतपुर के जितेंद्र पाराशर की अगुवाई में गणेश वंदना से की। इसके बाद प्रांगण के चौपाल मंच पर दो घंटे तक अनवरत चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में खाजूवाला, बीकानेर के ओमप्रकाश भील व साथियों ने मशक वादन एवं अनिशुद्दीन व कलाकारों ने चरी नृत्य प्रस्तुत किया। बाड़ी, धोलपुर से आए 32 इंच के नाटे कलाकार रामअवतार शर्मा ने अपने लांगुरिया नृत्य से सभी की जमकर तालियां बटोरी।
अलवर के उमर फारुख व साथियों ने भपंग वादन से सभी का मनोरंजन किया। सांस्कृतिक संध्या में सुश्री किरण कुमारी व साथी कलाकारों ने राजस्थानी लोक नृत्य, डीग, भरतपुर से आये जितेन्द्र पाराशर व साथियों ने संध्या का समापन मयूर व फूलों की होली नृत्य से कर समा बांध दिया।
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेला समारोह का मंच संचालन कामा, भरतपुर के भगवान मरांडी ने प्रभावी ढंग से किया।बइस मौके पर हरियाणा और राजस्थान पर्यटन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
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