प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की हाल ही में लॉन्च की गई फसली ऋणमाफी योजना गरीब किसानों के लिए जीने की एक नई किरण लेकर आई है। इस योजना ने न केवल किसानों की जिंदगी बदली है, बल्कि कर्ज का भार भी कम किया है ताकि वह खुशी से अपनी गुजर—बसर कर सकें। ऐसी ही एक कहानी है राजसमन्द जिले में रहने वाली मिट्ठू देवी की, जिनकी जिंदगी में फसली ऋणमाफी योजना सुकून का एक नया सवेरा लेकर आयी है।
सालवी राजसमन्द पंचायत समिति के एमडी गांव की रहने वाली मिट्ठू देवी (42) लघु श्रेणी की कृषक है। उनके पति शंकरलाल सालवी की करीब 20 साल पहले बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। ऐसे में अपने चार बच्चों की जिम्मेदारी मिट्ठू देवी पर आ पड़ी। वह अपनी कुल जमा 0.50 हैक्टर भूमि पर वह जैसे-तैसे खेती-बाड़ी करते हुए परिवार को चलाती रही। हालांकि वह अपनी सभी बेटियों की शादी कर चुकी है लेकिन उसके बाद भी अभावों और समस्याओं का पीछा अब तक नहीं छूटा।
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ऐसे में मिट्ठू बाई ने 10-12 वर्ष पूर्व खेती में सहयोग के लिए नान्दोली ग्राम सेवा सहकारी समिति से 12 हजार 674 रुपए का ऋण उठाया लेकिन वह अब तक केवल ब्याज ही भर पाई। कर्ज और घर चलाया मुश्किल हो रहा था। ऐसे में उसे मुख्यमंत्री राजे की फसली ऋणमाफी योजना का पता चला और उन्होंने कर्जमाफी शिविर की रहा पकड़ी। यहां एमडी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर फसली ऋण माफी कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, कला, संस्कृति व पर्यटन राज्यमंत्री कृष्णेन्द्र कौर (दीपा), जिलाप्रमुख प्रवेश कुमार सालवी, प्रभारी शासन सचिव आनंद कुमार, जिला कलक्टर आनन्दी व जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने जब उन्हें फसली ऋणमाफी का प्रमाण पत्र दिया तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे।
मिट्ठू बाई ने मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे और प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘सरकार की इस योजना का लाभ पाकर सारी चिन्ताओं से मुक्त होकर उसने नई जिन्दगी का अहसास कराया है। सिर से कर्ज का बोझ हट जाने के बाद अपने आपको काफी हल्का एवं तरोताजा महसूस कर रही है। अब उसकी जिन्दगी आसान हो गई है।’
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