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Image: भारत निर्वाचन आयोग.

भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राज्य सरकारों को निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्वाचन आयोग ने अपने पत्र में राज्यों से कहा है कि आगामी चुनावों को लेकर सभी प्रशासनिक तैयारियां 28 फरवरी तक पूरी कर ली जाए। 28 फरवरी के बाद कोई तबादला नहीं करे। अप्रैल-मई माह में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने सभी राज्य सरकारों को अपने गृह जिलों में पदस्थापित अधिकारियों का तबादला करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही पिछले चार सालों में एक ही जिले में 3 साल बिताने वाले अफसरों के भी ट्रांसफर के लिए कहा गया है। चुनाव आयोग ने यह पत्र देश के सभी राज्यों को भेजा है।

मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्वाचन आयोग ने लिखा पत्र

भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें आयोग ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और सिक्किम विधानसभा के चुनाव जल्द ही होने वाले हैं। चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा कि 16वीं लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त हो रहा है जबकि, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल क्रमश: 18 जून, एक जून, 11 जून और 27 मई को समाप्त होने जा रहा है। बता दें, निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनावों से पहले इस तरह का निर्देश जारी किया जाता है। ताकि कोई भी अधिकारी किसी भी तरह से चुनाव प्रक्रिया में दखलअंदाजी नहीं करे और चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रुप से सम्पन्न करवाए जा सकें।

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जिन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं उनकी नहीं लगेगी ड्यूटी

निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया है कि तबादले का निर्देश उन लोगों पर लागू नहीं होगा जिनका चुनावों के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है। आयोग ने 16 जनवरी के निर्देश में कहा कि जिन अधिकारियों के खिलाफ उसने अतीत के चुनावों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी, उन्हें चुनाव संबंधी ड्यूटी में नहीं लगाया जाना चाहिए। भारत निर्वाचन आयोग ने आगे कहा कि जिन अधिकारियों के खिलाफ अदालतों में आपराधिक मामले लंबित हैं उन्हें चुनाव कार्य में लगाने पर पाबंदी रहेगी। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया जाएगा।