राजस्थान के किसानों और ग्रामीणों के सर्वांगीण विकास में तत्पर राजस्थान की मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कोटा स्थित आरएएसी ग्राउण्ड में ग्राम-2017 के आयोजन स्थल पर राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक को सम्बोधित किया। एसएलबीसी की बैठक में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सभी बैंकिंग और फाइनेंस कम्पनियों को निर्देश दिया कि प्रदेश के किसानों की आर्थिक मदद के लिए कृषि ऋण जारी करने की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाया जाए। ताकि हमारे किसानों को समय पर ऋण उपलब्ध हो सके और उन्हें इस प्रक्रिया में देरी के कारण खुले बाजर से अधिक ब्याज दर पर कर्ज लेने को मजबूर न होना पडे़। बैंक ऐसी व्यवस्था करें कि किसानों को ऋण आवेदन करने के बाद अपने ऋण प्रक्रिया के चरणों की पूरी जानकारी एसएमएस पर मिलती रहे।
किसानहित में समर्पित सरकार
राजस्थान सरकार की नीतियों के कारण इसे अक्सर किसान हितों में समर्पित सरकार माना जाता है। ग्राम जैसे भव्य किसानों के महाकुम्भ का आयोजन कर सरकार ने यह साबित कर दिया है, कि प्रदेश का किसान और उसका कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
मुख्यमंत्री राजे ने बैंकर्स कमेटी को निर्देश दिया कि प्रदेश के दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाओं का पर्याप्त विस्तार किया जाये। किसानों को बैंकिंग क्षेत्र से जोड़ने के सरकारी प्रयासों की जानकारी देते हुए, वसुंधरा राजे ने कहा कि सरकार ऐसे इलाकों में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 20 हजार माइक्रो एटीएम उपलब्ध करवा रही है। साथ ही किसान किसी भी एटीएम से निकासी कर सकें, इसके लिए सहकारी बैंकों के किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को 26 लाख रूपे किसान डेबिट कार्ड जारी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री राजे ने बताया कि अच्छे लोन रिकॉर्ड वाले किसानों को ब्याज में छूट देने के लिए 370 करोड़ रुपए का प्रावधान वर्ष 2017-18 के राज्य बजट में किया गया है। सरकार ने लघु अवधि ऋणों की अधिक लागत के कारण सहकारी बैंकों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 150 करोड़ रुपए का प्रावधान करने का भी निर्णय लिया है।
कृषि क्षेत्र पर फोकस करे बैंक
मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि बैंक किसानों के हित को ध्यान में रखकर, कृषि क्षेत्र पर अधिकाधिक फोकस करें। किसानों के लिए ऋण जारी करने की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता का स्तर शहरी क्षेत्र की तुलना में कम होने के कारण बैंक उनके अनुकूल कार्यप्रणाली अपनाने की कोशिश करें। किसानों को फसली ऋण में अधिक सुविधा दी जाये, ताकि प्रदेश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र की संभावनाओं का भरपूर उपयोग किया जा सके।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी, सहित विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकिंग संस्थानों के उच्चाधिकारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।