news of rajasthan
शब-ए-बारात
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शब-ए-बारात

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेशवासियों को शब-ए-बारात के मौके पर मुबारकबाद दी है। मुख्यमंत्री राजे ने अपने संदेश में कहा है, ‘शब-ए-बारात अफजल और फज़ीलत की रात है। इस रात में मुस्लिम भाई-बहन इबादत कर अपने गुनाहों से तौबा करते हैं एवं सबकी सलामती की दुआएं मांगते हैं।’

मुख्यमंत्री ने शब-ए-बारात के इस मुबारक मौके पर प्रदेशवासियों से मुल्क और सूबे में अमन-चैन और तरक्की के लिए दुआ करने की अपील की है।

पिछले साल किए गए कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली इस रात को शब-ए-बारात कहा जाता है। इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है। अल्लाह की इबादत कर अपने गुनाहों से माफी मांगते है। मान्यता है कि इस रात बंदों पर अल्लाह की खास रहमतें उतरती है। इस्लामी मान्यता के मुताबिक शब-ए-बरात की सारी रात इबादत और तिलावत का दौर चलता है। अकीदतमंद इस रात शहर की छोटी-बड़ी तमाम मस्जिदों और घरों में इबादत कर अल्लाह से दुआ मांगेंगे। साथ ही इस रात मुस्लिम धर्मावलंबी अपने उन परिजनों, जो दुनिया से रूखसत हो चुके हैं, की मगफिरत (मोक्ष) की दुआ करने के लिए कब्रिस्तान भी जाते हैं।

इस रात दान का भी खास महत्व है। हलुवा व लजीज व्यंजन पक जाने के बाद उस पर रहमतुल्लाह अलैह के नाम से फातिहा पढ़ा जाएगा। लजीज व्यंजन और हलुवा को गरीब, बेसहारा, यतीमों में बांटा जाएगा।

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