जयपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के राजस्थान के पाली में हाल के दौरे पर सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है। राष्ट्रपति के पाली पहुंचने पर हेलीपैड पर तीन लेयर का सुरक्षा घेरा तोड़कर एक महिला जेईएन ने राष्ट्रपति के पैर छू लिए। हालांकि एसपी के निर्देश पर उस जेईएन को पकड़कर थाने भी ले गए, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। इस पूरे मामले को पुलिस ने रिकॉर्ड में नहीं लिया और दबा दिया गया। अब गृह मंत्रालय ने इसको लेकर रिपोर्ट मांगी है।

प्रोटोकॉल तोड़कर महिला JEN ने राष्ट्रपति के पैर छूए
दरअसल, महामहिम 4 जनवरी को पाली के निम्बली ब्राह्मण गांव में हो रही जंबूरी का उद्घाटन करने आई थीं। हेलीपैड पर उनकी सुरक्षा थ्री लेयर में सुरक्षाकर्मी तैनात थे। इसी बीच अचानक एक महिला JEN प्रोटोकॉल तोड़कर राष्ट्रपति के पैर छूने आ गई।

जेईएन ने तोड़ा तीन लेयर का सुरक्षा घेरा
आपको बता दें कि राष्ट्रपति के पैर छूने वाली जेईएन का नाम अंबा सियोल है जो रोहट में जलदाय विभाग में 6 महीने से तैनात हैं। अंबा ने 6 साल पहले नौकरीन जॉइन की थी और वर्तमान में उनकी ड्यूटी जंबूरी स्थल पर पानी व्यवस्था के लिए लगाई गई थी। पिछले सप्ताह 4 जनवरी को राष्ट्रपति के पाली पहुंचने पर पहले राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हेलीपैड पर उनका स्वागत किया जहां राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर आने से पहले त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया था। बताया जा रहा है कि इस प्रोटोकॉल के तहत उस दौरान वहां सीएम, गवर्नर सहित 8 लोग ही पहुंच सकते थे।

थाने ले जाकर कर्मचारी को छोड़ा
एसपी के निर्देश पर उस जेईएन को पकड़कर थाने भी ले गए। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। इस पूरे मामले को पुलिस ने रिकॉर्ड में नहीं लिया और दबा दिया गया। अब गृह मंत्रालय ने इसको लेकर रिपोर्ट मांगी है।

आईजी बोले, मामला पुराना,अब क्यों उठा रहे हो
इस घटनाक्रम को लेकर सवाल पूछने पर आईजी पी.रामजी ने कहा कि यह मामला पुराना हो गया। अब क्यों उठा रहे हो? फिर कहा-हेलीपैड पर क्या हुआ। इसके बारे में मुझे कुछ भी पता नहीं, क्योंकि उस वक्त हमारा ध्यान ही अलग होता है। आपको एसपी ही पूरी जानकारी दे सकते हैं। उनसे बात कर लो।

एक्सपर्ट बोले- गंभीर चूक है
आईबी के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक, के.राम ने कहा कि राष्ट्रपति की सुरक्षा हाईलेवल की होती है। सेंधमारी या प्रोटोकॉल को तोड़ता है तो बड़ी चूक है। ऐसे मामलों में आंतरिक जांच में कारणों का पता लगाया जाता है।