राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से वर्ष 2016 – 17 में हुए विभागीय योजनाओं में हुई प्रगति के आंकड़ें प्रकाशित किये गए। राज्य के ज़रूरतमंद परिवारों की कन्याओं के विवाह में आर्थिक सहायता देने हेतु विभाग द्वारा संचालित ”सहयोग एवं उपहार योजना” के तहत वर्ष 2016-17 के दौरान कुल 8,425 कन्याओं की शादियों के लिए सरकार की ओर से 12 करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता देकर इन परिवारों को राहत पहुंचाई गई। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार विधवा महिला, बी.पी.एल. कार्डधारी एवं आस्था कार्डधारी परिवारों की कन्याओं की शादी पर आर्थिक मदद देती है।
हर ज़रूरतमंद परिवार तक पहुंचाई गई मदद:
राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 2016 – 17 में ज़रूरतमंद और पात्र परिवारों की कुल 8425 कन्याओं के विवाह पर 12 करोड़ रुपये की सहायता राशि सरकार द्वारा प्रदत्त की गई है। इनमें अनुसूचित जाति के परिवारों की 2 हजार 604 कन्याओं की शादी के लिए 3 करोड़ 49 लाख 15 हजार रुपये दिए गए। अनुसूचित जनजाति में आने वाले परिवारों की 1 हजार 290 कन्याओं के लिए 1 करोड़ 87 लाख 7 हजार रुपए एवं सामान्य वर्ग में शामिल परिवारों की 4 हजार 531 कन्याओं के विवाह के लिए 6 करोड़ 67 लाख 25 हजार रूपए का अनुदान इन परिवारों को दिया गया।
पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी तक बढ़ा दी है सहायता राशि:
इसी दौरान मंत्री चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 2017-18 की बजट घोषणा में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ”सहयोग एवं उपहार योजना” के अंतर्गत दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी की है। 1 अप्रैल, 2017 से राज्य के ज़रूरतमंद परिवार की 18 वर्ष या अधिक आयु की कन्या की शादी के लिए दी जाने वाली राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रूपए कर दिया गया गया है। यदि लड़की दसवीं कक्षा उत्तीर्ण है तो उसकी शादी लिए 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये दिए जा रहे है। स्नातक उत्तीर्ण (ग्रेजुएशन पास) कन्या की शादी के लिए सरकार की ओर से 20 हजार रूपए की अनुदान सहायता राशि को बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया गया है।
दो पुत्रियों के विवाह पर दी जाती है सरकार की ओर से मदद:
राजस्थान सरकार द्वारा सभी वर्गों में आने वाले बी.पी.एल. परिवारों, अंत्योदय परिवारों, आस्था कार्डधारी परिवारों एवं विधवा महिला की 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की कन्याओं के विवाह पर आर्थिक मदद दी जा रही है। सरकार की ओर से एक परिवार की अधिकतम दो पुत्रियों के विवाह पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।