कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत का दावा है कि कांग्रेस में किसी तरह की कोई आपसी खींचतान और गुटबाजी नहीं है। कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता पार्टी के लिए समर्पित है, उसमें टिकट को लेकर किसी तरह की कोई लालसा नहीं है।
आइए अब जानते हैं कि राहुल, गहलोत और पायलट के दावें कितने झूठे और सच्चे हैं।
कांग्रेस का दावा- कांग्रेस में आपसी खींचतान और गुटबाजी नहीं है।
हकीकत- सचिन पायलट के प्रदेशाध्यक्ष बनने के साथ ही कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई बदस्तूर जारी है। कांग्रेस की तमाम सभाओं में पायलट के भाषण के दौरान गहलोत जिंदाबाद और गहलोत के भाषण के दौरान पायलट जिंदाबाद के नारे लगाते समर्थक दिखाई देते हैं। राहुल गांधी के भाषण के दौरान भी इस तरह का नजारा अब आम हो चला है, इस बात से राष्ट्रीय अध्यक्ष भी भलिभांति परिचित है, तभी तो प्रत्येक सभा के बाद वो दोनों (गहलोत-पायलट) का हाथ पकड़कर फोटो खिंचवाते नजर आते हैं। इतना ही नहीं शुक्रवार को पीसीसी के बाहर निवाई से टिकट की दावेदारी कर रहे प्रशांत बैरवा के विरोधी और समर्थकों में हाथापाई तक हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बीच बचाव कर मामला शांत कराया।
निष्कर्ष- कांग्रेस में वर्चस्व और सत्ता की लड़ाई दशकों से चली आ रही है। चुनाव नजदीक आते ही इनकी आपसी गुटबाजी सड़क तक आ गई है। इसी का नतीजा है कि पहले तो ‘मेरा बूथ, मेरा गौरव’ कार्यक्रम में कार्यकर्ता एक दूसरे से हाथापाई करते नजर आए और अब पायलट और गहलोत के समर्थक एक दूसरे का जबर्दस्त विरोध कर रहे हैं। इससे साफ है कि सत्ता में आकर लोगों की भलाई की बात करने वाली कांग्रेस के दावें और वादे 90 प्रतिशत तक झूठे हैं।
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