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लोकसभा चुनाव आने में अब महज़ कुछ ही महीने बचे हैं, लेकिन राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने जो वादे जनता से किये थे, उनमे से एक भी वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की फ़ज़ीहत होना तय है। क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बने हुए पूरा एक महीना और 5 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कांग्रेस ने ना तो राजस्थान के किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया और ना ही लाखों बेरोजग़ारों को बेरोजगारी भत्ता देने की अभी तक कोई व्यवस्था की है। प्रदेश की जनता का भारी नुकसान हो रहा है और दिन-ब-दिन ये नुकसान बड़ा होता जा रहा है।

किसानों का कर्ज़ माफ़ नहीं किया:

जिस कांग्रेस पार्टी ने अपनी हर चुनावी रैली में, सरकार बनाये जाने के मात्र दस दिन के भीतर राजस्थान के सभी किसानों का सम्पूर्ण कर्ज़ माफ़ करने का दावा ठोका था। वही कांग्रेस सरकार आज 35 दिन निकल जाने के बाद भी किसानों का कर्ज़ माफ़ नहीं कर पायी। हालांकि कांग्रेस ने सरकार बनाने के मात्र दो दिनों में कर्ज़ माफ़ी की घोषणा कर दी थी। मगर उसके बाद गहलोत सरकार ने ना तो ये स्पष्ट किया कि किन किसानों का कितना और कैसे कर्ज़ माफ़ किया जायेगा। ऐसे में प्रदेश के जिन किसानों पर बैंकों का ऋण बकाया है, उन्हें और ऋण नहीं मिल पाया है। जिससे किसानों को रबी फसल की पैदावार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बेरोजग़ारों को अभी तक कोई आस नहीं :

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष और वर्तमान उप-मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट ने ही सबसे पहले अपनी सभाओं में बार-बार घोषणा की कि अगर आप राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाते हो तो प्रदेश में रोज़गार के नए-नए अवसर पैदा किये जायेंगे तथा रोज़गार की नयी भर्तियां निकलने तक प्रदेश के सभी बेरोजगारों को 3500/- रूपये प्रतिमाह बेरोज़गारी भत्ता दिया जायेगा। लेकिन इस विभाग का भी किसान विभाग जैसा ही हाल है। ना तो कांग्रेस सरकार ने अभी तक किसी नयी भर्ती प्रक्रिया की घोषणा की है, और ना ही प्रदेश के किसी भी बेरोज़गार को बेरोज़गारी भत्ता देने की शुरुआत की है। उल्टा जो भर्ती प्रक्रियाएं भाजपा सरकार निकल कर गयी थी, उन प्रक्रियाओं में से कईयों का या तो परिणाम रोक कर बैठे हैं या फिर कइयों की नियुक्ति रोककर बैठे हैं।

इन सब के बीच एक बात और सामने निकल कर आयी है कि गहलोत सरकार ने बेरोजग़ारी भत्ता देने के लिए जो ऑनलाइन प्रक्रिया जारी की है, उसका रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए जो वेबसाइट नर्धारित की है, वो वेबसाइट भी पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है। जब भी कोई यूजर इस वेबपेज पर जाता है, तो वेबपेज खुलते ही ब्राउज़र में सबसे पहले यही चेतावनी दिखाई देती है कि यह वेबपेज पूर्ण रूप से सुरक्षित नही है। यदि कोई भी युसर इस वेबसाइट के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करता है, तो उसके द्वारा दी गयी सुचना और डेटा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी इस वेब साइट की नहीं रहेगी। आपकी सूचना को कोई भी अन्य व्यक्ति, संस्था या वेबसाइट कानूनी और गैर कानूनी तरीके से इस्तेमाल कर सकती है। इस में जनता का निजी डेटा कितना सिक्योर और प्रोटेक्ट रहेगा ये तो भगवान भरोसे ही है। वेबसाइट की लिंक नीचे दे रहे हैं, एक बार आप भी चेक कर लीजिये।

https://sso.rajasthan.gov.in/

कांग्रेस सरकार तो बस नाम बदलने में मस्त है :

किसी फ़िल्म में एक डायलॉग है कि “अपना काम बनता और भाड़ में जाये जनता।” ये डायलॉग कहा भी किसी राजनेता के लिए ही गया था। राजस्थान कांग्रेस सरकार पर ये डायलॉग एकदम सटीक बैठता है। कांग्रेस को तो अपनी सरकार बनानी थी और सत्ता हासिल करनी थी। फिर चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़े। कांग्रेस ने भी बस यही किया। जो मुंह में आया बोलते गए। अब जब सत्ता इनके हाथ में आ गयी तो सब बातों को भूल गए। किसानों की कर्ज़ माफ़ी के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगायी। अब जब केंद्र की भाजपा सरकार से ही मदद मांगनी थी तो कांग्रेस के नेताओं को एक बार भाजपा सरकार से विचार विमर्श कर लेना चाहिए था। कांग्रेस ने वादे करते समय तो ये सोच विचार किया नहीं कि इतना धन कहां से लाएंगे। अब दूसरों के आगे हाथ फैला रहे हैं। दूसरी बात ये भी है कि जब भाजपा सरकार ने पहले से ही कर्ज़ माफ़ कर दिया था तो कांग्रेस ने किसानों से और जनता से झूठे वादे क्यों किये?

और अब काम करने के बजाय कांग्रेस सरकार पूर्व सरकार पर नाकामियों के आरोप लगा रही है, या फिर पूर्व सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का नाम परिवर्तित करने में लगी हुयी है। जबकि प्रदेश में बढ़ती अव्यवस्था को सुव्यवस्थित करने में कांग्रेस कोई रूचि नहीं दिखा रही है। इन हालातों में कांग्रेस पूरी तरह से विफल होती दिखाई दे रही है।

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