अजीब बात है ना कुछ अभिनेता फिल्मों में राजनेता बनते हैं। लेकिन जब राजनेता ही फ़िल्मी ड्रामा करने लगे तो क्या होगा। आज ऐसा वक़्त आ गया है कि हमारे राजनेता भी फ़िल्मी डायलॉग बोलने लगे हैं। साढ़े तीन साल पहले अर्जुन कूपर और सोनाक्षी सिन्हा अभिनीत एक फ़िल्म आयी थी “तेवर”। जिसमे हीरो को कबड्डी खेलने का शौक होता है। हीरो का तकिया कलाम भी होता है “कबड्डी …! कबड्डी …! कबड्डी …!, किसकी मोडू गर्दन, किसकी तोडूं हड्डी।” और फिल्म के दौरना हीरो कई लोगों की गर्दन भी मोड़ता है और हड्डी भी तोड़ता है। लेकिन ये सिनेमाई दुनिया थी, जहाँ कुछ भी हो सकता है। लेकिन वास्तविकता में कुछ राजनेता भी वोट मांगने के लिए इस तरह के संवाद बोलने लगे है।
तीन दिन पहले राजस्थान कांग्रेस कमिटी के प्रदेशाध्यक्ष और राजनेता सचिन पायलट ने कहा था कि “समाज का साथ रहा तो मैं अकेला ही कबड्डी खेल जाऊंगा”। लेकिन सचिन पायलट ने ये साफ़ नही किया कि कौन सी कबड्डी? क्या सचिन पायलट राजनीति छोड़कर अब खेलों में भी उतरने वाले हैं? या फिर अक्टूबर में आयोजित होने वाले प्रो कबड्डी लीग के छटे संस्करण में हिस्सा लेने जा रहे हैं। क्योंकि अभी तो हाल ही में कबड्डी का यही सबसे बड़ा मुकाबला देश में होने वाला है। इसलिए हो सकता है वे इसी कबड्डी की बात कर रहे हों।
लेकिन…! अगर वो कबड्डी खेलने के लिए नहीं जाते हैं तो फिर इससे घटिया तो कुछ हो ही नही सकता। क्योंकि इसका मतलब तो ये हुआ कि वो सीधा सीधा समाज के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। और अगर वो समाज के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, तो फिर ये सिद्ध होता है, कि कांग्रेस का राजनीतिक स्तर गर्त में जा चूका है। क्योंकि सचिन पायलट ने पहले गरीबों के नाम पर राजनीति की, फिर किसानों के नाम पर, उसके बाद बेरोजगारों को तो उन्होंने 3500/- प्रतिमाह में खरीदने तक कि बात कह दी। अब समाज के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। सचिन पायलट खुद इतने काबिल नही है, जो अपने दम पर चुनाव लड़ सकते, जीतना तो दूर की बात है।
खैर राजनीति के नाम पर कांग्रेस क्या कुछ नहीं कर रही है। साम दाम दंड भेद के सिर्फ दाम और दंड वाले हथकंडे अपना रही है। इसीलिए तो अपनी रैलियों में भीड़ जमा करने के लिए ये पैसे देकर लोग बुलाते हैं, और दूसरों कि रैलियों में लोग जमा ना हो सके इसलिए पथराव करवाते हैं। लोगों में अराजकता फैलते हैं। हुड़दंग करवाते हैं। सार्वजानिक संपत्ति का नुकसान करवाते हैं। विद्रोह करवाते हैं। कुल मिलकर कांग्रेस के राजनेता राजनीति के नाम पर राज्य सिर्फ और सिर्फ गन्दगी ही फैलाते हैं।
अब ये गन्दगी आने वाले चुनावों में कितनी साफ़ होती है। मोदी जी का स्वच्छ भारत अभियान कितना प्रभावी रहता है। ये तो आने वाले समय में पता चल ही जायेगा। लेकिन फ़िलहाल हम आपको ये बता दें कि आने वाले प्रो कबड्डी लीग का छटा संस्करण 5 अक्टूबर 2018 से शुरू होने वाला है। जिसमे 12 टीम भाग लेंगी और लगभग 140 मैच खेले जा सकते हैं। ऐसे में हो सकता है, कहीं एक-आधे मैच में सचिन पायलट भी खेलते हुए दिख जाये। आखिर है तो बच्चे ही ना और बच्चे कि जिद को कोई पूरा कर दे शायद।
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