राजस्थान को आने वाले वर्षों में जल संकट से मुक्ति मिल सकती है। सरकार ऐसी ही योजना पर काम कर रही है जिससे राजस्थान को पानी के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने ‘नदी जोड़ो अभियान’ और राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में सीतापुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जल संकट को लेकर सरकार पहले से ही संवदेनशील है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नदी जोड़ों अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य को आने वाले समय में जल संकट से बचाने के लिए 40 हजार करोड़ की लागत से नदियों को जोडऩे की योजना पर काम किया जा रहा है। सरकार की 40 हजार करोड़ की लागत से प्रदेश की कालीसिंध, गंभीर और पार्वती नदियों को जोड़ने की योजना है। इसके लिए सरकार ‘ईस्टर्न राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट’ पर कार्य कर रही है। इस परियोजना से कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर सहित 13 जिलों को पेयजल आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा लुप्तप्राय सरस्वती नदी को पुर्नजीवित करने की संभावनाओं पर भी काम किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार जल स्वावलंबन योजना के माध्यम से प्रदेश में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश में चलाए गए दो चरणों में कई जिलों के डार्क जोन में पानी का संकट दूर हुआ है तथा जगह जगह एनीकट निर्माण से कई कुएं व बावडिय़ों का जल स्तर बढ़ा है। जल स्वावलंबन योजना के माध्यम से जल संरक्षण को बढ़ावा देने की इस योजना में धार्मिक संस्थाओं और साधु-संतों को भी जोड़ा गया है।
जल स्वावलंबन अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित: सीएम राजे ने इस मौकेे पर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में उत्कृष्ट कार्य के लिए सरपंच भंवरलाल पटेल, गुड्डू बाई तथा कांताा ननोमा को प्रशस्ति-पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही जल संरक्षण विषय पर हुई प्रतियोगिता में विजेता रहने वाले स्टूडेंट्स को भी सम्मानित किया गया।
रैली फॉर रिवर्स से राजस्थान को मिलेगा संबल: प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा निकाली जा रही रैली फॉर रिवर्स से प्रदेश को भी संबल मिलेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 1 जनवरी से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का तीसरा चरण शुरू होने जा रहा है। राज्य के चार हजार से ज्यादा गांव इस चरण में शामिल होंगे। जल स्वावलंबन अभियान के तीसरे चरण में एक लाख से ज्यादा वाटर स्ट्रक्चर्स का निर्माण किया जाएगा।
जल स्वावलंबन अभियान में 80 लाख पौधे लागए जाएंगे: राठौड़ ने कहा कि वाटर स्ट्रक्चर्स के निर्माण के साथ ही इस अभियान के तहत राज्यभर में 80 लाख पौधे भी लगाए जाने हैं। अभियान के दो चरणों में किए जाने वाले सभी कार्य पूरे हो चुके हैं।
2 लाख से ज्यादा वाटर स्ट्रक्चर्स का निर्माण: मंत्री राठौड़ ने कहा कि जल स्वावलंबन अभियान के अब तक दो चरणों में प्रदेश के 7 हजार 742 गांव और 66 शहरों में कार्य हुए हैं। राज्य में करीब 2 लाख 30 हजार वाटर स्ट्रक्चर्स का भी निर्माण किया गया है। जल्द ही अभियान के तीसरे चरण में 4000 से अधिक गांवों में कार्य कराए जाएंगे। और करीब 1 लाख वाटर स्ट्रक्चर्स का निर्माण कराया जाएगा।