मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली वर्तमान राजस्थान सरकार ने राज्य सेवा के लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। राजे सरकार के नए प्रावधानों के अनुसार अब चौथी संतान पैदा होने पर कर्मचारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए पेंशन रूल्स के नियम 53-ए को विलोपित कर दिया है। गौरतलब है कि धारा 53-ए में सरकारी कर्मचारी के तीन से अधिक बच्चे होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रावधान था। लेकिन हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रावधान को हटाने की मंजूरी मिल गई थी।
वित्त विभाग ने जारी की अधिसूचना, चार संतान वाले कार्मिकों को मिली राहत
कैबिनेट की ब्रीफिंग में पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए तीन से अधिक संतान पैदा करने वाले कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रावधान को हटाने की घोषणा की थी। राज्य के विभिन्न कर्मचारी संघ काफी लंबे समय से सरकार से धारा 53-ए के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के प्रावधान को हटाने की मांग कर रहे थे। इधर अधिसूचना जारी होने के बाद अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने राजे सरकार के फैसले को स्वागत योग्य बताया है।
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अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रावधान हटाकर उन कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है जिनके पहले से चार संतान हैं। बता दें, इससे पहले तीन से अधिक संतान होने पर राज्य में बड़ी संख्या में कर्मचारियों पर जबरन सेवानिवृत्ति होने की तलवार लटक रही थी। अब वित्त विभाग की अधिसूचना से चार संतान होने वाले कार्मिकों को बड़ी राहत मिल गई है।