राजस्थान के बड़े और छोटे शहरों में बसी पॉश कॉलोनियों की नियमन दरों में कटौती करते हुए सरकार ने यहां बसने वाले भवन मालिकों को बड़ी राहत प्रदान की है। दरअसल, राज्य सरकार ने जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, कोटा सहित बड़े और छोटे शहरों में राजकीय भूमि पर बसी पुरानी महंगी और पॉश कॉलोनियों की नियमन दरों में विशेष शिथिलता प्रदान करते हुए एक हजार रुपए प्रति वर्गगज तक घटा दी है। अब प्रदेश के कई शहरों में सबसे सुंदर बसावट वाली कॉलोनियों के पट्टे भी सरकार 400 से 1500 रुपए प्रति वर्गगज में देगी। नगरीय विकास विभाग, राजस्थान सरकार ने चार श्रेणी में शहरों को बांट कर राजकीय भूमि पर 17 जून, 1999 से पूर्व बसी कॉलोनियों की नियमन दरें करीब एक हजार रुपए प्रति वर्गगज घटा दी है।
सभी प्राधिकरणों और यूआईटी को नियमन का प्लान सरकार को भेजने के आदेश
नगरीय विकास विभाग ने सभी प्राधिकरणों और यूआईटी से 20 जून तक पॉश कॉलोनियों के नियमन का प्लान राज्य सरकार को भेजने के आदेश दिए हैं। सरकार की नई और कम नियमन वाली दरें 500 वर्गमीटर तक के भूखंडों पर लागू होगी। 500 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों पर नई तय राशि से डेढ़ गुणा राशि वसूली जाएगी। हालांकि, इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह जयपुर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल पृथ्वीराज नगर लालकोठी योजना तथा जेएलएन मार्ग की 200 फीट पट्टी क्षेत्र में मान्य नहीं होगा।
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नियमन दरों के साथ आवेदन की तिथि में भी विशेष छूट दे रही राज्य सरकार
राजस्थान सरकार ने पॉश कॉलोनियों के मकान मालिकों को नियमन दरों में तो खास रियायत दी ही है, साथ ही यह आदेश भी दिए गए हैं कि जो राजकीय भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए भवन या भूखंडों के मालिक 30 जून, 2018 तक आवेदन करते हैं तो भी नियमन होगा। आदेश के अनुसार, अगर 30 जून तिथि तक आवेदन नहीं किया तो पूर्व के 30 नवंबर 2017 के आदेश की पुरानी ज्यादा दरों पर ही नियमन होगा। बता दें कि 17 जून, 1999 से पूर्व निर्मित आवास का सबूत पेश करने के लिए आवेदकों को बिजली-पानी का बिल, मतदाता सूची की प्रविष्टि या राशनकार्ड पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, किसान पासबुक, पेंशन दस्तावेज आदि पेश करने होंगे।