राजस्थान की धरती प्राय: मरूभूमि या रेगिस्तानी भूमि के तौर पर ही जानी जाती रही है। लेकिन अब यहां की धरती सोना उगलने को भी तैयार है। अब राजस्थान की खदानों से सोना निकाला जाने की कवायद शुरू हो चुकी है। यहां तक की भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने भी राजस्थान की सरजमीं से करोड़ों टन सोने के भंड़ार होने की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार राजस्थान के बांसवाड़ा और उदयपुर जिलों में करीब 11.48 करोड़ टन सोने के भंड़ार होने का पता लगाया जा चुका है। फिलहाल खोज जारी है।
हालांकि राजस्थान की गोद से बाहर आने वाला यह सोना अपने वास्तविक रूप में न होकर खनीज रूपी सोने के रूप में निकलने वाला है।राजस्थान के बांसवाड़ा व उदयपुर सहित कई जिलों में सीसा, जस्ता व तांबे के अथाह भंड़ार होने की जानकारी मिली है और खनन कार्य जल्दी शुरू होगा। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक एन कुटुम्बा राव ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया है कि ‘राजस्थान में सोने की खोज में नई संभावनाएं सामने आई हैं। राजस्थान में 35.65 करोड़ टन के सीसा जस्ता के संसाधन राजपुरा दरीबा खनिज पट्टी में मिले हैं। भीलवाड़ा जिले के सलामपुरा एवं इसके आस-पास के इलाके में भी सीसा जस्ता के भंडार मिले हैं। उदयपुर और बांसवाडा जिले के भूकिया डगोचा में भी इस सोने के भंडार का पता चला है। राजस्थान के सिरोही जिले के देवा का बेड़ा, सालियों का बेड़ा और बाड़मेर जिले के सिवाना इलाकों में अन्य खनिज की खोज की जा रही है।’
बता दें कि इससे पहले राजस्थान के बाड़मेर जिले में भी ब्लैक गोल्ड यानि क्रूड आॅयल की संभावनाओं का पता चल चुका है। इसी के चलते जिले के पचभदरा इलाके में एक रिफाइनरी स्थापित की जा रही है। बीते महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाड़मेर रिफाइनरी का शिलान्यास किया है।
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