राजस्थान प्रशासनिक सेवा-प्रारंभिक परीक्षा 5 अगस्त, 2018 रविवार को प्रदेशभर में आयोजित की जाएगी। इसके सफल आयोजन के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग और प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। आरपीएससी ने परीक्षा में शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों पर ड्रेस कोड लागू किया गया है। हालांकि, इस बार नेटबंदी के विकल्प को खुला रखा है। यानि परीक्षा के दौरान नेट सेवाएं बंद नहीं की जाएगी। आरएएस-प्री एक्जाम 2018 प्रदेशभर में सभी जिला और तहसील मुख्यालयों के 1454 केन्द्रों पर आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा के लिए पांच लाख से भी अधिक अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। आयोग ने परीक्षा की गोपनीयता और सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी जिलों में कलक्टर और एसपी इस परीक्षा की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे।
आरपीएससी ने अभ्यर्थियों के लिए जारी की 18 पॉइंट्स की गाइड लाइन
राज्य की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा के चलते आरपीएससी ने अभ्यर्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया है। इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। आयोग ने अभ्यर्थियों के लिए 18 पॉइंट्स की गाइड लाइन जारी की है। गाइड लाइन के अनुसार पुरुष अभ्यर्थियों को हाफ आस्तीन की शर्ट या टीशर्ट के साथ स्लीपर पहन कर आने के लिए कहा गया है। वहीं महिला अभ्यर्थियों को आधी बांह का कुर्ता, शर्ट और टीशर्ट के साथ बालों को बांधने के लिए साधारण रबर वाला बैंड पहनने के लिए कहा गया है। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, ब्लूटूथ, मोबाइल फोन आदि के साथ ही घड़ी भी परीक्षा केंद्र में ले जाने की अनुमति नहीं होगी। आयोग ने अभ्यर्थियों से परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा समय से 2 घंटे पूर्व पहुंचने के लिए कहा है। आरएएस-प्री एक्जाम 2018 रविवार सुबह 10:00 बजे शुरू होगी। आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पेपर शुरू होने के 10 मिनट बाद किसी भी अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सभी परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की गहनता से जांच की जाएगी।
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रिपोर्ट और गोपनीय सूचनाओं के आधार पर की जा सकती है नेटबंदी
बता दें, आरएएस-प्री एक्जाम 2018 के दौरान नेटबंदी नहीं की जाएगी, लेकिन रिपोर्ट और गोपनीय सूचनाओं के आधार पर नेट बंद किया जा सकता है। हाल ही में हुई कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान प्रदेश में दो दिन तक नेटबंदी हुई थी। हालांकि, आयोग ने इस परीक्षा में इसे प्रदेश में लागू नही किया है। आयोग के सचिव पी सी बेरवाल के मुताबिक, संवेदनशील जिलों से आने वाली रिपोर्ट और गोपनीय सूचनाओं के आधार पर नेटबंदी का निर्णय भी लिया जा सकता है।